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अवधी पर कविताएँ

कस परजवटि बिसारी

भारतेंदु मिश्र

घास के घरउँदे

श्यामसुंदर मिश्र 'मधुप'

बुरा मनिहयँ

रफ़ीक़ शादानी

हमयँ अब देखात हय

रफ़ीक़ शादानी

चौबीस घंटा पहिले

रफ़ीक़ शादानी

म्वाट और म्वाट होइ

श्यामसुंदर मिश्र 'मधुप'

हाय राम का करी

श्यामसुंदर मिश्र 'मधुप'

पसु नीक कि मानुख

श्यामसुंदर मिश्र 'मधुप'

आजादी

श्यामसुंदर मिश्र 'मधुप'

पिसनहरी

भारतेंदु मिश्र

जमाना मोबाइल

जगजीवन मिश्र ‘जीवन’

बीनापानि

श्यामसुंदर मिश्र 'मधुप'

इसारा करउ

जगजीवन मिश्र ‘जीवन’

अन्तरु आइगा

श्यामसुंदर मिश्र 'मधुप'

बरगदु

श्यामसुंदर मिश्र 'मधुप'

संसद मा अँधेरु भरा

श्यामसुंदर मिश्र 'मधुप'

काठ कै चिरइया

भारतेंदु मिश्र

बादाम कहित हय

रफ़ीक़ शादानी

जंगजू

श्यामसुंदर मिश्र 'मधुप'

बसइ गाँवइँ मा हिन्दुस्तान

श्यामसुंदर मिश्र 'मधुप'

का होइ

श्यामसुंदर मिश्र 'मधुप'

पेहेउ अब न दारु

जगजीवन मिश्र ‘जीवन’

बजार का हालु

श्यामसुंदर मिश्र 'मधुप'

जवानी

श्यामसुंदर मिश्र 'मधुप'

अइसइ दिन नाई रहिहैं

जगजीवन मिश्र ‘जीवन’

कमर तोर महँगाई

जगजीवन मिश्र ‘जीवन’

चलै लाग पछियाहु

भारतेंदु मिश्र

का हो! लखनौवा हौ?

भारतेंदु मिश्र

ए भइया

रफ़ीक़ शादानी

बालक

श्यामसुंदर मिश्र 'मधुप'

खिचरी

भारतेंदु मिश्र

समउ

श्यामसुंदर मिश्र 'मधुप'

साधो, आपन करम बिचारो

भारतेंदु मिश्र

दालि मा करिया है

जगजीवन मिश्र ‘जीवन’

मुलु न बाज आवा

श्यामसुंदर मिश्र 'मधुप'

सहर आये मँजनू

श्यामसुंदर मिश्र 'मधुप'

तुमरइ सहारा बा

श्यामसुंदर मिश्र 'मधुप'

जगि रहे बापू केर सपन

श्यामसुंदर मिश्र 'मधुप'

तोहरी सुरतिया

जगजीवन मिश्र ‘जीवन’

मइया आवा करौ

जगजीवन मिश्र ‘जीवन’

बदलाउ

श्यामसुंदर मिश्र 'मधुप'

मानउ बात हमारी

जगजीवन मिश्र ‘जीवन’

तिरंगा झंडा

श्यामसुंदर मिश्र 'मधुप'

चैत

श्यामसुंदर मिश्र 'मधुप'

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