मौसम पर कविताएँ

किसी स्थान विशेष की

दिन-प्रतिदिन की वायुमंडलीय दशा को मौसम कहा जाता है। मौसम का कवि-मन पर प्रभाव पड़ना और प्रभावतः अभिव्यक्तियों का जन्म अत्यंत नैसर्गिक स्थिति है। इस चयन में ऐसी ही कुछ कविताओं का संकलन किया गया है।

भरोसा

सारुल बागला

नवसंदेश-रासक

अविनाश मिश्र

भादों की संध्या का जब

कृष्ण मुरारी पहारिया

दिल दुखने की बातें

हरजीत अर्नेस्ट

इस मौसम में

सारुल बागला

गद्य

सौरभ अनंत

ध्रुपद का टुकड़ा

दिनेश कुमार शुक्ल

एक धुँधला दिन

सौरभ अनंत

कृतघ्न

गोविंद द्विवेदी

स्मृति

नंद चतुर्वेदी

क्वार में बारिश

श्रुति गौतम

उदास हो चला गया वसंत

रविशंकर उपाध्याय

मुझसे बात करो

सोनी पांडेय

दोहराव

सौरभ अनंत

चैत की चौपही

दिनेश कुमार शुक्ल

अप्रैल

सौरभ अनंत

पलाश के फूल

अमेय कांत

मेघ

प्रदीप्त प्रीत

नवंबर

गंगाप्रसाद विमल

आना मार्च

सौम्य मालवीय

या

प्रदीप सैनी

किसी रोज़

गौरव भारती

वाष्पीकरण

अंकिता आनंद

अगस्त

श्रुति गौतम

एक नया पत्ता वह

कुमार मुकुल

उदास मौसम है

कल्पना पंत

दुपहर

श्याम परमार

हवा चली

मुकुंद लाठ

नमी

अनिल कार्की

दिसंबर

अमेय कांत

पछुआ उदास है

विजय बहादुर सिंह

पतझर की बाँसुरी

विजय बहादुर सिंह

गीत और पतझड़ के पार

देवेश पथ सारिया

मौसम

अशोक कुमार

गगन तले मगन दो लोग

अर्पण कुमार

मौसम बदल रहा है

प्रतिभा कटियार

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