
पहली नज़र को प्रेम मानकर समर्पण कर देना भी पागलपन है।

पहली नज़र को प्रेम मानकर समर्पण कर देना भी पागलपन है।

हर चीज़ के लिए समर्पित रहो, हृदय खोलो, ध्यान देकर सुनो।
पहली नज़र को प्रेम मानकर समर्पण कर देना भी पागलपन है।
पहली नज़र को प्रेम मानकर समर्पण कर देना भी पागलपन है।
हर चीज़ के लिए समर्पित रहो, हृदय खोलो, ध्यान देकर सुनो।