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समर्पण पर बेला

04 नवम्बर 2025

फ़ादर वालेस : साधु तो चलता भला

फ़ादर वालेस : साधु तो चलता भला

वर्ष 2025 गुजराती साहित्य के इतिहास में एक विशेष वर्ष है—इस वर्ष गुजराती भाषा और संस्कृति के एक विलक्षण साधक, फ़ादर वालेस (Father Carlos González Vallés) की जन्मशती मनाई जा रही है। फ़ादर वालेस का जन्

16 नवम्बर 2024

यूनिवर्सिटी थिएटर से जुड़ना

यूनिवर्सिटी थिएटर से जुड़ना

नाटक देखने और समझने का मेरा अनुभव यूनिवर्सिटी थिएटर की देन है। बतौर दर्शक मैं कोई प्ले देखती और फिर उसके बारे में जब लिखना होता, फ़ीडबैक देना होता—तो मेरे पास बस कुछ ही बातें बचतीं, कितनी देखते समय ह

15 सितम्बर 2024

क़ुबूलनामा : एक एंबुलेंस ड्राइवर का

क़ुबूलनामा : एक एंबुलेंस ड्राइवर का

डिस्क्लेमर :  क़ुबूलनामा शृंखला में प्रस्तुत लेखों में वर्णित सभी पात्र, कहानियाँ, घटनाएँ और स्थान काल्पनिक हैं; जो किसी भी व्यक्ति, समूह, समाज, सरकारी-ग़ैरसरकारी संगठन और अधिकारियों से कोई संबंध न

31 अगस्त 2024

लैला-मजनूँ : मुहब्बत की वह मंज़िल जहाँ पहुँचना आसान नहीं

लैला-मजनूँ : मुहब्बत की वह मंज़िल जहाँ पहुँचना आसान नहीं

नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (National School of Drama) 23 अगस्त से 9 सितंबर 2024 के बीच हीरक जयंती नाट्य समारोह आयोजित कर रहा है। यह समारोह एनएसडी रंगमंडल की स्थापना के साठ वर्ष पूरे होन

05 मई 2024

‘क़िस्साग्राम’ का क़िस्सा

‘क़िस्साग्राम’ का क़िस्सा

‘क़िस्साग्राम’ उपन्यास की शुरुआत जिस मंदिर के खंडित होने से हुई है, उसके लेखन का काल उस मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा का समय है। उपन्यासकार प्रभात रंजन इस बात को ख़ुद इस तरह से कहते हैं, ‘‘अन्हारी नामक किसी