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असावधानी पर उद्धरण

कार्य-सिद्धि के उपायों में लगे रहने वाले भी असावधानी से अपने कार्यों को नष्ट कर देते हैं।

माघ

निश्चिंत हो जाने का अर्थ होता है असावधान हो जाना।

लक्ष्मीनारायण मिश्र