
कार्य-सिद्धि के उपायों में लगे रहने वाले भी असावधानी से अपने कार्यों को नष्ट कर देते हैं।

निश्चिंत हो जाने का अर्थ होता है असावधान हो जाना।
कार्य-सिद्धि के उपायों में लगे रहने वाले भी असावधानी से अपने कार्यों को नष्ट कर देते हैं।
निश्चिंत हो जाने का अर्थ होता है असावधान हो जाना।