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भोजपुरी पर ग़ज़लें

जर रहल बा गाँव

सूर्यदेव पाठक ‘पराग’

अतना गुमान काहे

सूर्यदेव पाठक ‘पराग’

कही का, करी का

सूर्यदेव पाठक ‘पराग’

कतहीं चइता कतहीं

सूर्यदेव पाठक ‘पराग’

काहे उनका अभी

सूर्यदेव पाठक ‘पराग’

प्रीत के पाहुन

सूर्यदेव पाठक ‘पराग’

प्यार जग के सार

सूर्यदेव पाठक ‘पराग’

तू याद-झरोखे आ जा

सूर्यदेव पाठक ‘पराग’

दरदे अबले उपहार

सूर्यदेव पाठक ‘पराग’

बढ़त चान पर तक

सूर्यदेव पाठक ‘पराग’

नाव-नदी संयोग

सूर्यदेव पाठक ‘पराग’

घुट-घुट मरत बा

सूर्यदेव पाठक ‘पराग’

बहुत नाच जिनिगी

मनोज भावुक

कबहूँ लिखा सकल

मनोज भावुक