संघर्ष पर कविताएँ

अंतिम ऊँचाई

कुँवर नारायण

कोई दुःख

कुँवर नारायण

नर हो, न निराश करो मन को

मैथिलीशरण गुप्त

प्रार्थना

नवीन रांगियाल

उम्मीद

विमलेश त्रिपाठी

आत्म-मृत्यु

प्रियंका दुबे

बीते हुए दिन

राजेंद्र धोड़पकर

संघर्ष

सारुल बागला

भेड़िया

सर्वेश्वरदयाल सक्सेना

मकड़जाल

संदीप तिवारी

बड़बड़

नाज़िश अंसारी

ग़ायब लोग

आदर्श भूषण

हाथ और साथ का फ़र्क़

जावेद आलम ख़ान

पहाड़ पर चढ़ने के लिए

पद्मजा घोरपड़े

मेरा गला घोंट दो माँ

निखिल आनंद गिरि

शराब के नशे में

अच्युतानंद मिश्र

अगर तुम युवा हो

शशिप्रकाश

याद नहीं

मनमोहन

उम्मीदें

दर्पण साह

ईंटें

नरेश सक्सेना

चरवाहा

गोविंद निषाद

निष्कर्ष

शुभांकर

उपला

नवीन रांगियाल

पिछड़ा आदमी

सर्वेश्वरदयाल सक्सेना

उदासी

प्रदीप्त प्रीत

ख़तरा

कुमार अम्बुज

मैंने जीवन वरण कर लिया

कृष्ण मुरारी पहारिया

नदी में इतिहास

गोविंद निषाद

नमक

सारुल बागला

जाल, मछलियाँ और औरतें

अच्युतानंद मिश्र

निषादों की गली

गोविंद निषाद

जश्न-ए-रेख़्ता (2022) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

फ़्री पास यहाँ से प्राप्त कीजिए