धर्म पर कविताएँ
धारयति इति धर्म:—यानी
जिसने सब कुछ धारण कर रखा है, वह धर्म है। इन धारण की जाती चीज़ों में सत्य, धृति, क्षमा, अस्तेय, शुचिता, धी, इंद्रिय निग्रह जैसे सभी लक्षण सन्निहित हैं। धर्म का प्रचलित अर्थ ‘रिलीज़न’ या मज़हब भी है। प्रस्तुत चयन में धर्म के अवलंब पर अभिव्यक्त रचनाओं का संकलन किया गया है।
संबंधित विषय
- आदिवासी
- इतिहास
- ईश्वर
- करुणा
- किसान
- जातिवाद
- जीवन
- डर
- तमिल कविता
- दर्द
- दलित
- देश
- देशभक्ति
- धर्म
- नदी
- न्याय
- निंदा
- नियति
- परिवार
- पाखंड
- बच्चे
- बलात्कार
- भक्ति
- मलयालम कविता
- मुसलमान
- मिथक
- मोक्ष
- युद्ध
- यातना
- रूसी कविता
- लंबी कविता
- लोक
- वैश्विक कविता
- वियोग
- शब्द
- शिकायत
- सृजन
- स्त्री
- सन्नाटा
- संबंध
- समाज
- सूर्य
- सांप्रदायिकता
- हत्या
- हिंसा