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किसान

सत्यनारायण लाल

मैं गाँव गया था

शरद बिलाैरे

मकड़जाल

संदीप तिवारी

गोरू-चरवाह

रमाशंकर सिंह

पावस

शैलेंद्र कुमार शुक्ल

पटवारी

अमर दलपुरा

साहब लोग रेनकोट ढूँढ़ रहे हैं

जितेंद्र श्रीवास्तव

शहर

अंजुम शर्मा

भूखा

निकोलाइ नेक्रासोव

धूलि-मंदिर

रवींद्रनाथ टैगोर

बे-कटा खेत

निकोलाइ नेक्रासोव

ऐ बंधु!

सारुल बागला

उम्मीद

सौरभ मिश्र

कौन ज़मीन का धणी?

कन्हैयालाल सेठिया

मैं अन्नदाता नहीं हूँ

रामस्वरूप किसान

कविता

रामस्वरूप किसान

कैसे

रवि भूषण पाठक

असली-नक़ली

कृष्ण कल्पित

किसान और आत्महत्या

हरीशचंद्र पांडे

त्रिशुल

मोहन सिंह

शाम—एक किसान

सर्वेश्वरदयाल सक्सेना

फ़सल

आ. रा. देशपांडे अनिल

बीज

देवी प्रसाद मिश्र

अंत

सविता सिंह

नई खेती

रमाशंकर यादव विद्रोही

खेत

संदीप निर्भय

असंपूर्ण

मणीन्द्र राय

बिजूका

राधावल्लभ त्रिपाठी

उठ किसान ओ

त्रिलोचन

मेघवा

राजेन्द्र शाह

हाथा मारना

अष्टभुजा शुक्‍ल

ओ मज़दूर किसान, उठो

बालकृष्ण शर्मा नवीन

मेरी नींद

आशीष त्रिपाठी

कलम के कंधे पर इतिहास

खेमकरण ‘सोमन’

चंदनवा चैती गाता है

केदारनाथ अग्रवाल

गेहूँ की सोच

प्रभाकर माचवे

हम कीचड़ के कवि थे

ज्योति रीता

अनाज के दाने का वज़न जानते हैं हम

संतोष कुमार चतुर्वेदी