पिता के पत्र पुत्री के नाम (आदमियों के अलग-अलग दर्जे)
लड़कों, लड़कियों और सयानों को भी इतिहास अक्सर एक अजीब ढंग से पढ़ाया जाता है। उन्हें राजाओं और दूसरे आदमियों के नाम और लड़ाइयों की तारीख़ें याद करनी पड़ती है। लेकिन दरअसल इतिहास लड़ाइयों का, या थोड़े से राजाओं या सेनापतियों का नाम नहीं है। इतिहास का काम यह
जवाहरलाल नेहरू
पिता के पत्र पुत्री के नाम (खेती से पैदा हुई तब्दीलियाँ)
अपने पिछले ख़त में मैंने कामों के अलग-अलग किए जाने का कुछ हाल बतलाया था। बिल्कुल शुरू में जब आदमी सिर्फ़ शिकार पर बसर करता था, काम बँटे हुए न थे। हर-एक आदमी शिकार करता था और मुश्किल से खाने भर को पाता था। पहले मर्दों और औरतों के बीच में काम बँटना शुरू