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गोविंद निषाद

आज़मगढ़, उत्तर प्रदेश

नई पीढ़ी के कवि-लेखक।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक।

गोविंद निषाद के बेला

22 अप्रैल 2025

इलाहाबाद तुम बहुत याद आते हो-2

इलाहाबाद तुम बहुत याद आते हो-2

पहली कड़ी से आगे... इसी उधेड़बुन में लगा हुआ था। दोपहर हो गई थी। बिस्तर मेरे भार से दबा हुआ था। मुझे उसे दबाएँ रखने की आज की मियाद पूरी हो गई थी। वह‌ बिस्तर ओवरटाइम काम कर रहा था। जब उसे लगा कि मै

14 अप्रैल 2025

इलाहाबाद तुम बहुत याद आते हो!

इलाहाबाद तुम बहुत याद आते हो!

“आप प्रयागराज में रहते हैं?” “नहीं, इलाहाबाद में।” प्रयागराज कहते ही मेरी ज़बान लड़खड़ा जाती है, अगर मैं बोलने की कोशिश भी करता हूँ तो दिल रोकने लगता है कि ऐसा क्यों कर रहा है तू भाई! ऐसा नहीं

20 मार्च 2025

मेरे पुरखे कहाँ से आए!

मेरे पुरखे कहाँ से आए!

गोलू का कॉल आया। उसने कहा कि चाचा मिलते हैं। “कहाँ मिलें?” “यमुना बोट क्लब।” वह मेरा भतीजा है। वह यमुना पार महेवा नैनी में रहता था। हम अपने-अपने रास्ते से होते हुए पहुँच गए यमुना बोट क्लब। उ

30 नवम्बर 2024

हिंदी साहित्य के आउटसाइडर नीलकांत को जानना

हिंदी साहित्य के आउटसाइडर नीलकांत को जानना

फ़ेसबुक पर एक वीडियो तैरती हुई दिखाई दी। उसमें एक बुज़ुर्ग अपील कर रहे हैं कि कल देवनगर झूसी में आयोजित साहित्यिक गोष्ठी में शिरकत करें। मैंने तय किया कि इस गोष्ठी में जाऊँगा। मैं जहाँ रहता हूँ, वहाँ

17 सितम्बर 2024

इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रावास के दिन

इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रावास के दिन

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पढ़ने आना एक मुश्किल भरा सफ़र रहा। इलाहाबाद आने के बाद, रहने के लिए कमरा मिलना एक बड़ी समस्या थी। इस समस्या का स्थाई समाधान तब हो गया, जब मुझे विश्वविद्यालय के एक छात्रावास

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