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सच पर कविताएँ

संध्या के बाद

सुमित्रानंदन पंत

आत्मपरिचय

हरिवंशराय बच्चन

पसंद अपनी-अपनी

व्लादिमीर मायाकोव्स्की

विवशता की वर्णमाला

दर्शन बुट्टर

अजनबी स्त्री

अलेक्सांद्र ब्लोक

अरण्यानी से वापसी

श्रीनरेश मेहता

जीता हूँ सच में

नंदकिशोर आचार्य

सच

प्रदीप अवस्थी

कौन मुझको युद्ध को ललकारता है

कृष्ण मुरारी पहारिया

सपने तो रहते

नंदकिशोर आचार्य

कुछ सचों के बारे में

लवली गोस्वामी

सच्चाई

गोरख पांडेय

सच-झूठ

कुमार मुकुल

चरम सत्य

जगन्नाथ प्रसाद दास

एक थका हुआ सच

अतिया दाऊद

अब हम

अशोक वाजपेयी

शेष सत्य

सुमेर सिंह राठौड़

थोड़ा झूठ

निधीश त्यागी

आज तो देखो

दीनानाथ ‘नादिम’

ढाई अक्षर

ध्रुव शुक्ल

आत्मकथ्य

जयशंकर प्रसाद

मूर्तियों का सच

सोनी पांडेय

हस्तक्षेप

श्रीकांत वर्मा

सचाई

बालमणि अम्मा

आदमी अध्यवसायी था

कुँवर नारायण

मैंने उसको देखा है...

ज्ञानराज माणिकप्रभु

उफान

पवन चौहान

रोज़ सुबह होती है

साहिल परमार

सच है

सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'

कीर्ति गान बंद करो

कपिल भारद्वाज

जनता बोली सुनो कवि

वीरेंद्र वत्स

माँ तो रही नहीं अब

अलका सिन्हा

गांधी का चेहरा

रमाशंकर सिंह

औपचारिकताएँ

अंकुश कुमार

जलाशय काला

आश्लेषा महाजन

मृत्यु का शिल्प

अनादि सूफ़ी

सत्यं शिवं सुंदरम्

रामविलास शर्मा