स्मृति पर गीत

स्मृति एक मानसिक क्रिया

है, जो अर्जित अनुभव को आधार बनाती है और आवश्यकतानुसार इसका पुनरुत्पादन करती है। इसे एक आदर्श पुनरावृत्ति कहा गया है। स्मृतियाँ मानव अस्मिता का आधार कही जाती हैं और नैसर्गिक रूप से हमारी अभिव्यक्तियों का अंग बनती हैं। प्रस्तुत चयन में स्मृति को विषय बनाती कविताओं को शामिल किया गया है।

किसे भूल जाऊँ?

शंभुनाथ सिंह

भूल जाना

गोपालदास नीरज

तब किसी की याद आती

गोपालदास नीरज

कहाँ गए वे दिन रोबीले

देवेंद्र कुमार बंगाली

यादों के टीले

देवेंद्र कुमार बंगाली

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