
स्वर का गीत मीठा है सही, किंतु हृदय का गीत ही तो ईश्वर की सच्ची आवाज़ है।

जिसमें तेज है, वही बलवान् है! स्थूल व्यक्तियों का क्या विश्वास?

मेरा काम इतना है कि उन लोगों को समझने की कोशिश करना जो किसी चीज़ में विश्वास करते हैं। अपने आप में ये एक बड़ा काम है। उन लोगों को देखते हुए मैं ये गहराई तक महसूस करता हूँ कि मैं भी किसी चीज़ में विश्वास कर सकता हूँ, बल्कि उन लोगों के साथ एक जुड़ाव महसूस करता हूँ।

गीता मेरे लिए पूर्ण पर्याप्त है; क्योंकि वह न केवल उन मूल सिद्धांतों के अनुरूप है, बल्कि यह भी बताती है कि हर क़ीमत पर हमें उन पर किन कारणों से जमे रहना चाहिए।

गीता में ज्ञान की महिमा गाई गई है। फिर भी गीता बुद्धिगम्य नहीं है, वह हृदयगम्य है। इसलिए वह अश्रद्धालु मनुष्य के लिए नहीं है।