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खिड़की पर कविताएँ

खिड़की कमरे या दीवार

का वह निर्माण है जिससे बाहर की हवा, रोशनी, आवाज़ अंदर आ सकती है। इसे आवश्यकतानुसार खोला या बंद किया जा सकता है। कविता में खिड़की या गवाक्ष या झरोखे का प्रयोग बहुअर्थी आयामों में होता रहा है।

किताब

सौरभ अनंत

खिड़की वाली सीट

मोनिका कुमार

खिड़कियों पर तस्वीरें

अनिमेष मुखर्जी

खिड़की

निखिल आनंद गिरि

खिड़की खुलने के बाद

नीलेश रघुवंशी

खिड़की

सावित्री राजीवन

खिड़की जितनी जगह

वंदना मिश्रा

खुली खिड़की

अमिताभ चौधरी

खिड़की

वसंत आबाजी डहाके

जंगला

अजित दत्त

दाँत की खिड़की

नीलेश रघुवंशी

खिड़की

प्रभात त्रिपाठी

एक खिड़की

स्वाति मेलकानी

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