दरवाज़ा पर कविताएँ
आवाजाही के लिए दीवार
में खुले हुए स्थान के रूप में दरवाज़ा या द्वार घर का एक महत्त्वपूर्ण अंग होता है। इसे घर का मुख भी कहते हैं। आवाजाही की इस उपयोगिता के साथ दरवाजा दुनिया की और कल्पना की तमाम आवाजाहियों का एक रूपक बन जाता है। प्रस्तुत है स्मृति-विस्मृति, ठौर-बेठौर आदि तमाम जीवन दृश्यों को रचते दरवाज़ों पर एक ख़ास चयन।
संबंधित विषय
- अकेलापन
- अभिसार
- अवसाद
- आकाश
- आँख
- आज़ादी
- इच्छा
- ईश्वर
- एकांत
- करुणा
- कोरोना
- खिड़की
- गुजराती कविता
- घर
- चाँद
- चीज़ें
- जंगल
- जीवन
- डर
- दरवाज़ा
- दिल
- न्याय
- नींद
- पृथ्वी
- प्रतीक्षा
- प्रेम
- मणिपुरी कविता
- मंदिर
- मुसलमान
- माँ
- मित्र
- यात्रा
- लोक
- लौटना
- वैश्विक कविता
- सृजन
- स्त्री
- सन्नाटा
- स्पैनिश कविता
- संबंध
- सुबह
- स्मृति
- सांप्रदायिकता
- सौंदर्य
- होंठ