
लोग समझदार हो गए हैं, इसलिए अविरोध की साधना में लग गए हैं।

प्रेम चतुर मनुष्य के लिए नहीं, वह तो शिशु से सरल हृदयों की वस्तु है।


अविरोध की साधना उन्हें सुहाती है जिनमें अतिरिक्त स्वार्थ-सजगता होती है।

लोग समझदार हो गए हैं, इसलिए अविरोध की साधना में लग गए हैं।
प्रेम चतुर मनुष्य के लिए नहीं, वह तो शिशु से सरल हृदयों की वस्तु है।
अविरोध की साधना उन्हें सुहाती है जिनमें अतिरिक्त स्वार्थ-सजगता होती है।