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सी. एस. लुईस

1898 - 1963

20वीं शताब्दी के सुप्रसिद्ध लेखक, ईसाई दार्शनिक और आलोचक। 'द क्रॉनिकल्स ऑफ नार्निया' सीरीज़ के लिए लोकप्रिय।

20वीं शताब्दी के सुप्रसिद्ध लेखक, ईसाई दार्शनिक और आलोचक। 'द क्रॉनिकल्स ऑफ नार्निया' सीरीज़ के लिए लोकप्रिय।

सी. एस. लुईस के उद्धरण

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मैं कल्पना नहीं कर सकता कि कोई आदमी वास्तव में किसी किताब का आनंद ले और उसे केवल एक बार पढ़े।

दोस्ती का जन्म उस समय होता है, जब एक आदमी दूसरे से कहता है : ‘‘अरे! तुम भी? मैं सोचता था कि मेरे सिवाय कोई और नहीं है।’’

  • संबंधित विषय : समय

कोई भी पुस्तक दस वर्ष की आयु में पढ़ने योग्य नहीं है जो पचास वर्ष और उससे अधिक की आयु में भी उतनी ही और अक्सर उससे कहीं अधिक पढ़ने योग्य नहीं है।

किसी ने मुझे कभी नहीं बताया कि दुःख बहुत कुछ डर की तरह महसूस होता है।

हर कोई सोचता है कि क्षमा करना महान विचार है, जब तक कि उसके पास क्षमा करने के लिए कुछ हो।

बलिदान किए बिना कोई भी बड़ा ज्ञान प्राप्त नहीं किया जा सकता है।

ऐसा नहीं है कि हमें संदेह है कि भगवान हमारे लिए सबसे अच्छा करेंगे, हम सोच रहे हैं कि सबसे अच्छा कितना दर्दनाक होगा।

खाना और पढ़ना दो सुख हैं जो अद्भुत रूप से समान हैं।

सिर्फ़ उन चीज़ों के बारे में लिखिए जिनमें वास्तव में आपकी रुचि है; वे चाहे वास्तविक हों या काल्पनिक, और किसी चीज़ के बारे में नहीं।

आप परमेश्वर से तब तक प्रेम नहीं करते हैं, जब तक आप किसी व्यक्ति से पूरी तरह प्रेम नहीं करते हैं।

साहसिक कारनामे उस समय कभी मज़ेदार नहीं लगते हैं, जब आप उन्हें कर रहे होते हैं।

  • संबंधित विषय : वीर

अनुभव सबसे क्रूर शिक्षक है। लेकिन तुम सीखते हो, मगर क्या तुम सच में सीखते हो।

हम ईश्वर की उपस्थिति को अनदेखा कर सकते हैं, लेकिन कहीं भी उनसे बच नहीं सकते हैं। वह दुनिया में हमेशा विद्यमान हैं। वह हर जगह गुप्त रूप से चलते हैं।

आप लिखकर कुछ भी बना सकते हैं।

जो कुछ आपने नहीं दिया है, वह वास्तव में कभी भी आपका नहीं होगा।

हम अपने जीवन में साधारण व्यक्तियों से नहीं मिलते हैं।

किसी ने भी उसकी अपनी कहानी के सिवाय कोई और कहानी नहीं सुनाई है।

मेरी अपनी आँखें मेरे लिए पर्याप्त नहीं हैं, मैं औरों की आँखों से देखूँगा।

  • संबंधित विषय : आँख

अगर हम ख़ुद में ऐसी इच्छा पाते हैं जिसे इस दुनिया में कुछ भी संतुष्ट नहीं कर सकता है, तो सबसे संभावित स्पष्टीकरण यह है कि हम दूसरी दुनिया के लिए बने हैं।

ईसाई होने का मतलब अक्षम्य को क्षमा कईसाई होने का मतलब अक्षम्य को क्षमा करना है, क्योंकि भगवान ने आपमें अक्षम्य को क्षमा कर दिया है।

लोगों को दोस्त बनने के लिए जो चीज़ आकर्षित करती है, वह यह है कि वे एक ही सच्चाई को देखते हैं। वे उसे साझा करते हैं।

जब हम एक वरदान को खो देते हैं, तो अक्सर उसके स्थान पर दूसरा वरदान बहुत अप्रत्याशित रूप से दिया जाता है।

आप कभी भी इतने बूढ़े नहीं होते हैं कि कोई और लक्ष्य निर्धारित कर सकें या कोई नया सपना देख पाएँ।

चीजें कभी भी दो बार एक ही तरह से नहीं घटती हैं।

यह स्पष्ट है कि हर अच्छी किताब को दस साल में कम से कम एक बार पढ़ लेना चाहिए।

ईसाई यह नहीं सोचता है कि परमेश्वर हमसे इसलिए प्रेम करेगा क्योंकि हम अच्छे हैं, लेकिन यह सोचता है कि परमेश्वर हमें इसलिए अच्छा बनाएगा; क्योंकि वह हमसे प्रेम करता है।

किसी दिन आप इतने बूढ़े हो जाएँगे कि फिर से परियों की कहानियों को पढ़ना शुरू कर देंगे।

बच्चों की जिस कहानी का आनंद केवल बच्चे ही उठा सकते हैं, वह बच्चों की अच्छी कहानी बिल्कुल भी नहीं है।

गृहिणी की आजीविका श्रेष्ठ है। अन्य सभी पेशे केवल इस श्रेष्ठ पेशे की मदद करने के उद्देश्य से मौजूद हैं।

कोई आदमी सतर्क रहने पर क्या करता है, यह इस बात का सबसे अच्छा सबूत है कि वह किस तरह का आदमी है।

अगर आप गहराई से प्यार करते हैं, तो आप बुरी तरह से आहत होंगे। लेकिन यह फिर भी करने लायक़ है।

तुम मदद की उम्मीद अपने से अधिक शक्तिशाली से नहीं करोगे, तो किससे करोगे।

हम जो भी पीछे छोड़ते हैं, उससे कहीं ज़्यादा बेहतर चीज़ें आगे हैं।

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