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देशभक्ति पर कविताएँ

देश के प्रति आस्था,

अनुराग और कर्तव्यपरायणता ही नहीं, देश से अपेक्षाओं और समकालीन मोहभंग के इर्द-गिर्द देशभक्ति के विस्तृत अर्थों की पड़ताल करती कविताओं से एक चयन।

झाँसी की रानी

सुभद्राकुमारी चौहान

आज देश की मिट्टी बोल उठी है

शिवमंगल सिंह 'सुमन'

सोवियत रूस

सर्गेई येसेनिन

किरोव हमारे साथ है

निकोलाई तिखोनोव

दमदार दावे

अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'

पुष्प की अभिलाषा

माखनलाल चतुर्वेदी

क़ैदी और कोकिला

माखनलाल चतुर्वेदी

उद्देश्य

संत सिंह सेखों

उठ जाग मुसाफ़िर

वंशीधर शुक्ल

देशभक्त हे!

आर. चेतनक्रांति

क़दम क़दम बढ़ाए जा

वंशीधर शुक्ल

जेल में आती तुम्हारी याद

शिवमंगल सिंह 'सुमन'

भारतमाता की नवरत्नमाला

सुब्रह्मण्य भारती

सन् 1857 की जनक्रांति

गयाप्रसाद शुक्ल 'सनेही'

अनिद्रा में

सविता सिंह

असहयोग

गयाप्रसाद शुक्ल 'सनेही'

स्वर्गीय-संगीत

मैथिलीशरण गुप्त

भारत माँ के पवित्र दशांक

सुब्रह्मण्य भारती

वीरों का कैसा हो वसंत?

सुभद्राकुमारी चौहान

सीलमपुर के लड़के

आर. चेतनक्रांति

सागर खड़ा बेड़ियाँ तोड़े

माखनलाल चतुर्वेदी

निशीथ-चिंता

रामनरेश त्रिपाठी

तकली

गयाप्रसाद शुक्ल 'सनेही'

भारत माँ की ध्वजा

सुब्रह्मण्य भारती

सिपाही

माखनलाल चतुर्वेदी

बिदा

सुभद्राकुमारी चौहान

पथ भूल न जाना पथिक कहीं!

शिवमंगल सिंह 'सुमन'

सबेरा हुआ है

वंशीधर शुक्ल

स्मरणीय भाव

श्रीधर पाठक

भारत-धरनि

श्रीधर पाठक

सुंदर भारत

श्रीधर पाठक

हिमालय

रामधारी सिंह दिनकर

नक़ली क़िला

मैथिलीशरण गुप्त

15 अगस्त 1947

सुमित्रानंदन पंत

शहीदों की चिताओं पर

जगदंबा प्रसाद मिश्र ‘हितैषी'

वह देश कौन-सा है?

रामनरेश त्रिपाठी

स्वदेश

गयाप्रसाद शुक्ल 'सनेही'

प्राचीन योध-स्मृति

अप्पलस्वामी पुरिपंडा

मुक्त गगन है, मुक्त पवन है

माखनलाल चतुर्वेदी

भारत माता

सुमित्रानंदन पंत

जिन चीज़ों का मतलब नहीं होगा

हरे प्रकाश उपाध्याय

जवानी का झंडा

रामधारी सिंह दिनकर

मातृ-मंदिर

मैथिलीशरण गुप्त

पलटनिया पिता

अनिल कार्की

वसंत के नाम पर

रामधारी सिंह दिनकर

जीने के सौ विकल्प

कुमार कृष्ण शर्मा