विनोबा भावे के उद्धरण

कलियुग कहने वाले को तो 'अंध श्रद्धालु' समझकर आप हँसते हैं, पर पश्चिम वाले कल-युग कहते हैं, तो आप भी कहते हैं। काल हमारी इच्छा और प्रयत्न के अनुरूप बनेगा। काल को मोड़ने की सामर्थ्य तो आपके दृढ़ निश्चय में है।
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