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चीज़ें पर गीत

कविता के भाव में कहें

तो चीज़ें वे हैं जिनसे हमारी दुनिया बनती है और बर्बाद भी होती है। यहाँ प्रस्तुत है चीज़ों की उपस्थिति-अनुपस्थिति को दर्ज करती कविताओं का यह व्यापक चयन।

साथी हाथ बढ़ाना

साहिर लुधियानवी

मुश्किल हुआ निबाह

विभूति तिवारी

दृष्टि

राघवेंद्र शुक्ल

मेरा घर आँगन

विनम्र सेन सिंह

गीत लिखें कि...

राघवेंद्र शुक्ल

तृप्ति

शंभुनाथ सिंह

हमको भी आता है

देवेंद्र कुमार बंगाली

सागर के सीप

भारत भूषण

भूल-भुलैया

गोपालशरण सिंह

दूर के ढोल सुहाने

अन्नू रिज़वी