Font by Mehr Nastaliq Web

तकनीक पर बेला

03 जुलाई 2025

AI अगले वीक ऑफ़ के लिए क्या ‘सोच’ रहे हो!

AI अगले वीक ऑफ़ के लिए क्या ‘सोच’ रहे हो!

पहली कड़ी से आगे... गणना बनाम अंतर्ज्ञान साल 1997 में शतरंज की दुनिया ने एक ऐतिहासिक पल देखा, जब IBM के सुपरकंप्यूटर डीप ब्लू (Deep Blue) ने तब के वर्ल्ड चैंपियन गैरी कास्पारोव को हराया। यह पहल

02 जुलाई 2025

AI तुम वस्ल और हिज्र के लुत्फ़-ओ-ग़म को कैसे महसूस करोगे!

AI तुम वस्ल और हिज्र के लुत्फ़-ओ-ग़म को कैसे महसूस करोगे!

दुनियाभर के टीनएजर रूबिक्स क्यूब नाम की एक नई रंगीन पहेली में उलझे थे। डार्थ वेडर (स्टार वार्स फ़्रैंचाइज़ी में एक काल्पनिक चरित्र) एक जवान लड़के को उसकी ज़िंदगी का सबसे बड़ा और सबसे कड़वा सच बता रहा था

12 अप्रैल 2025

भारतीय विज्ञान संस्थान : एक यात्रा, एक दृष्टि

भारतीय विज्ञान संस्थान : एक यात्रा, एक दृष्टि

दिल्ली की भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी के बीच देश-काल परिवर्तन की तीव्र इच्छा मुझे बेंगलुरु की ओर खींच लाई। राजधानी की ठंडी सुबह में, जब मैंने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से यात्रा शुरू की, तब मन क

28 फरवरी 2025

यूट्यूब के 20 साल : कुंभ जाते दादा-पोता और मोनालिसा की आँखें

यूट्यूब के 20 साल : कुंभ जाते दादा-पोता और मोनालिसा की आँखें

मोबाइल में क्या आएगा, ये कौन तय कर रहा है? दुर्भाग्य से ये अब हमारी सरकारों के हाथ से भी बाहर निकल गया है। आप यूट्यूब पर प्रासंगिक बने रहना चाहते हैं तो उसी विषय पर बात करें जिस पर बात हो रही है। कमा

01 दिसम्बर 2024

हिंदुस्तान आपको नींद की ज़रूरत है

हिंदुस्तान आपको नींद की ज़रूरत है

मेरे प्यारे दोस्तो, हिंदुस्तान कभी सुबह जल्दी उठने वालों का देश हुआ करता था। यह हमारे डीएनए में था। सुबह उठकर आप बिना किसी रुकावट के दस क़दम भी नहीं चलते कि एक आत्ममुग्ध चाचा जी मिल जाते, जो सुबह 4 ब

08 जुलाई 2024

न सुधा जैसी कोई नायिका हुई, न चंदर जैसा कोई नायक

न सुधा जैसी कोई नायिका हुई, न चंदर जैसा कोई नायक

तीसरी कड़ी से आगे... क्लबहाउस की दुनिया अब प्रौढ़ हो चुकी थी। अपने शुरुआती दिनों की तमाम स्थापनाओं के बाद यहाँ की सभ्यता, नियम-क़ायदों और ज़रूरी रीति-रिवाज़ से अब यहाँ बसने वाले बख़ूबी परिचित हो चुके थे

07 जुलाई 2024

हुस्न को समझने को क्लबहाउस जाइए जानाँ

हुस्न को समझने को क्लबहाउस जाइए जानाँ

दूसरी कड़ी से आगे... समय और क्लबहाउस मैं समय हूँ!—यहाँ यह कहने वाला कोई नहीं, लेकिन फ़ेसबुक के अल्गोरिदम की तरह क्लबहाउस का भी अपना तिया-पाँचा था, जिसे स्पीकर्स जितना जानते थे—सुनने वाले भी उतना

06 जुलाई 2024

इस चर्चा में सब कुछ पुराना होकर भी नया था

इस चर्चा में सब कुछ पुराना होकर भी नया था

पहली कड़ी से आगे... क्लबहाउस की दुनिया को बनाने वालों लोग ग़म-ए-रोज़गार से ऊबे हुए लोग थे—वे अजीब लोग थे! वे इतने अजीब थे कि अब उन्हें एक नॉस्टेल्जिया की तरह याद किया जा सकता है। जो अभिव्यक्ति के नाम

05 जुलाई 2024

आवाज़ की दुनिया के दोस्तो!

आवाज़ की दुनिया के दोस्तो!

कोविड की हाहाकारी लहर के बीच जनजीवन का ख़तरा इतना अबूझ था कि लोग उसे हर संभव जानने-समझने की कोशिश में लगे थे। वे हर किसी की बात सुन रहे थे, गुन रहे थे, धुन रहे थे। उनके लिए आख़िरी और प्रामाणिक सत्य कुछ