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जीवन पर सबद

जहाँ जीवन को स्वयं कविता

कहा गया हो, कविता में जीवन का उतरना अस्वाभाविक प्रतीति नहीं है। प्रस्तुत चयन में जीवन, जीवनानुभव, जीवन-संबंधी धारणाओं, जीवन की जय-पराजय आदि की अभिव्यक्ति देती कविताओं का संकलन किया गया है।

सभना मरणा आइआ

गुरु नानक

सभना मरणा आइआ

गुरु नानक

तेरो कपरा नहीं अनाज

दरिया (बिहार वाले)

तेरो कपरा नहीं अनाज

दरिया (बिहार वाले)

बंदे मतकर इतना मान

मध्व मुनीश्वर

बंदे मतकर इतना मान

मध्व मुनीश्वर

मानुख जन्म है सुफल अनंदा

दरिया (बिहार वाले)

मानुख जन्म है सुफल अनंदा

दरिया (बिहार वाले)

सोई दिन आवेगा

हरिदास निरंजनी

सोई दिन आवेगा

हरिदास निरंजनी

समझि देषि कुछ नांही रे

हरिदास निरंजनी

समझि देषि कुछ नांही रे

हरिदास निरंजनी