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क्रांति पर कविताएँ

आज देश की मिट्टी बोल उठी है

शिवमंगल सिंह 'सुमन'

शांति

अहर्निश सागर

विद्रोही

बालकृष्ण शर्मा नवीन

लेकर सीधा नारा

शमशेर बहादुर सिंह

सलाह एक महिला के लिए

इबॉर्तो पॅदिल्ल्या

वे हाथ होते हैं

वेणु गोपाल

प्रॉक्सी

वेणु गोपाल

ओ मज़दूर किसान, उठो

बालकृष्ण शर्मा नवीन

अरे तुम हो काल के भी काल

बालकृष्ण शर्मा नवीन

संघर्ष और क्रांति

रामनिवास जाजू

क्रांति पुष्प

निदा नवाज़

वापसी

कुमार विकल

जेएनयू में वसंत

आमिर हमज़ा

मलया

सोमसुंदर

स्वागत-गीत

सुभद्राकुमारी चौहान

तानाशाह ज़ार का पतन

सुब्रह्मण्य भारती

रोए क़ाबिल हाथ

संजय चतुर्वेदी

डॉ. आम्बेडकर 1986

नामदेव ढसाल

सात झींगे, सात बिच्छू

आऊलिक्की ओकसानेन

एक क्रांति एक रूमाल

जितेन्द्र उधमपुरी

कविता

चंद्रशेखर

जीवन

पाब्लो नेरूदा

नई दुनिया

रमाशंकर यादव विद्रोही

समझदारों का गीत

गोरख पांडेय

क्या तुम

सुरिंदर धंजल

विलासिता

प्रदीप अवस्थी

उनको प्रणाम!

नागार्जुन

मैं कलुआ माँझी हूँ

रमणिका गुप्त

विजय के गान

त्रिलोचन

ज़िद्दी

गुलज़ार हुसैन

नवचेतना

सी. नारायण रेड्डी

सूत्रपात

मोना गुलाटी

मानवीय न्याय का युग

इबॉर्तो पॅदिल्ल्या

बारह

दर्पण साह

चिले, चिले, चिले

माक्ती रोस्सी

जनता का आदमी

आलोकधन्वा

इंक़लाब का गीत

गोरख पांडेय

ईश्वर का मुखपत्र

लुइस मुनोज़ मारिन