लोकतंत्र पर गीत

लोकतंत्र जनता द्वारा,

जनता के लिए, जनता का शासन है। लोकतंत्र के गुण-दोष आधुनिक समय के प्रमुख विमर्श-विषय रहे हैं और इस संवाद में कविता ने भी योगदान किया है। प्रस्तुत चयन ऐसी ही कविताओं का है।

जनता के पलटनि

गोरख पांडेय

समय का पहिया

गोरख पांडेय

समाजवाद

गोरख पांडेय

काले-काले बादल छाए

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

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