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वॉलेस स्टीवंस

1879 - 1955 | पेंसिल्वेनिया

आधुनिकतावादी काव्य-परंपरा से संबद्ध सुपरिचित अमेरिकी कवि। पुलित्ज़र पुरस्कार से सम्मानित।

आधुनिकतावादी काव्य-परंपरा से संबद्ध सुपरिचित अमेरिकी कवि। पुलित्ज़र पुरस्कार से सम्मानित।

वॉलेस स्टीवंस के उद्धरण

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शैतान की मौत कल्पना के लिए त्रासदी थी।

अनुवाद : सरिता शर्मा

कविता विद्वान की कला है।

अनुवाद : सरिता शर्मा

कवि दुनिया को वैसे ही देखता है, जैसे आदमी किसी औरत को देखता है।

अनुवाद : सरिता शर्मा

मानव स्वभाव पानी जैसा है। वह अपने बर्तन के आकार में ढल जाता है।

अनुवाद : सरिता शर्मा

कवि अदृश्य का पुजारी होता है।

अनुवाद : सरिता शर्मा

मन को कभी संतुष्ट नहीं किया जा सकता है।

अनुवाद : सरिता शर्मा

स्वर्ग और नर्क के बारे में महान कविताएँ लिखी जा चुकी हैं, मगर पृथ्वी पर महान कविता लिखी जानी अभी बाक़ी है।

अनुवाद : सरिता शर्मा

ईश्वर और कल्पना एक ही हैं।

अनुवाद : सरिता शर्मा

पैसा एक तरह की कविता है।

अनुवाद : सरिता शर्मा

मौत सुंदरता की जननी है। केवल नाशवान वस्तु सुंदर हो सकती है, इसीलिए हम पर नक़ली फूलों का कोई असर नहीं होता है।

अनुवाद : सरिता शर्मा

विकट यथार्थ की स्थिति में, चेतना कल्पना की जगह ले लेती है।

अनुवाद : सरिता शर्मा

रोशनी और परिभाषाओं को फेंक दो, और वह बताओ जो तुम अँधेरे में देखते हो।

अनुवाद : सरिता शर्मा

दुनिया में सबसे ख़ूबसूरत चीज़, निस्संदेह, दुनिया ही है।

अनुवाद : सरिता शर्मा

कविता का उद्देश्य जीवन को स्वयं में पूर्ण बनाना है।

अनुवाद : सरिता शर्मा

मन आँख से छोटा होता है।

अनुवाद : सरिता शर्मा

  • संबंधित विषय : आँख

कल्पना प्रकृति पर मनुष्य की हुकूमत है।

अनुवाद : सरिता शर्मा

ईश्वर नहीं, बल्कि उसमें विश्वास मायने रखता है।

अनुवाद : सरिता शर्मा

जब मैं नौ से छह बजे तक कार्यालय में होता हूँ, तब मैं निस्संदेह ज़िंदा नहीं होता हूँ।

अनुवाद : सरिता शर्मा

कवि कीड़ों से रेशम के कपड़े बनाता है।

अनुवाद : सरिता शर्मा

  • संबंधित विषय : कवि

असली खलनायक बेहद आकर्षक होते हैं।

अनुवाद : सरिता शर्मा

दुनिया ख़ुद को हर रोज़ कविता में नहीं सँवारती है।

अनुवाद : सरिता शर्मा

कल्पना चीज़ों की अभिलाषा है।

अनुवाद : सरिता शर्मा

इस चढ़ते सूरज की तेज़ चमक से मुझे एहसास होता है कि मैं कितना काला पड़ गया हूँ।

अनुवाद : सरिता शर्मा

मैं वही हूँ जो मेरे आस-पास है।

अनुवाद : सरिता शर्मा

मोहभंग आख़िरी भ्रम है।

अनुवाद : सरिता शर्मा

वास्तविकता घिसी-पिटी होती है, जिससे हम रूपक का इस्तेमाल करके बच जाते हैं।

अनुवाद : सरिता शर्मा

गर्मियों की रात विचार की पराकाष्ठा जैसी होती है।

अनुवाद : सरिता शर्मा

ईश्वर मुझमें है, वरना ईश्वर मुझमें है, वरना बिल्कुल नहीं है। बिल्कुल नहीं है।

अनुवाद : सरिता शर्मा

घर नीरव था और दुनिया शांत थी। पाठक पुस्तक बन गया था।

अनुवाद : सरिता शर्मा

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