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नवीन सागर

1948 - 2000 | सागर, मध्य प्रदेश

हिंदी के अत्यंत उल्लेखनीय कवि-कथाकार।

हिंदी के अत्यंत उल्लेखनीय कवि-कथाकार।

नवीन सागर के उद्धरण

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हम अपने बारे में इतना कम और इतना अधिक जानते हैं कि प्रेम ही बचता है प्रार्थना की राख में।

अपने भूले रहने की याद में जीवन अच्छा लगता है।

जो तुम्हें कहीं से बुला रहे हैं, उन्हें नहीं पता वे कहाँ हैं।

ख़ामोशी का जाना भी एक आवाज़ है।

अकेला एक कायर सबको मार सकता है।

हत्या का विचार होती हुई हत्या देखने की लालसा में छिपा है।

सूरज नहीं चाँद तारे संगीत चित्र भी नहीं कविता से भी सुंदर लगता है मनुष्य।

अकेली एक लहर पूरे समुद्र की जगह बचती है, जब हम भूल जाते हैं जीना।

सुंदरता! कितना बड़ा कारण है—हम बचेंगे अगर!

अनंत अपनी मृत्यु में रहते हैं इतने धुँधले कि हमारी झलक में बार-बार जन्म लेते हैं संसार!

पेड़ चाहता है बहुत सारे पेड़ों के बीच का पेड़ होना।

  • संबंधित विषय : पेड़

जब कोई अर्थ नहीं रह जाता व्यर्थ का दुनिया में बहुत कुछ होता रहता है।

जन्म चाहिए, हर चीज़ को एक और जन्म चाहिए।

बातों में होते हैं हम जितना उतने से कई गुना कहीं और होते हैं।

तुम चीज़ों से अलग होते हो जब उन्हें देखते हो!

वास्तविकता वास्तविक नहीं है!

  • संबंधित विषय : समय

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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