उद्धरण
उद्धरण श्रेष्ठता का संक्षिप्तिकरण हैं। अपने मूल-प्रभाव में वे किसी रचना के सार-तत्त्व सरीखे हैं। आसान भाषा में कहें तो किसी किताब, रचना, वक्तव्य, लेख, शोध आदि के वे वाक्यांश जो तथ्य या स्मरणीय कथ्य के रूप में प्रस्तुत किए जाते हैं, उद्धरण होते हैं। भाषा के इतिहास में उद्धरण प्रेरणा और साहस प्रदान करने का काम करते आए हैं। वे किसी रचना की देह में चमकती आँखों की तरह हैं, जिन्हें सूक्त-वाक्य या सूक्ति भी कहा जाता है। संप्रेषण और अभिव्यक्ति के नए माध्यमों में इधर बीच उद्धरणों की भरमार है, तथा उनकी प्रासंगिकता और उनका महत्त्व स्थापना और बहस के केंद्र में है।
विशिष्टाद्वैत वेदांत से संबद्ध आचार्य, कवि, भक्त और दार्शनिक। संस्कृत चित्रकाव्य 'पादुका सहस्रम' के लिए उल्लेखनीय।
ऐतिहासिक उपन्यासों के लिए ख्यात उपन्यासकार, कहानीकार और नाटककार। पद्म भूषण से सम्मानित।
20वीं सदी की प्रमुख आधुनिकतावादी लेखिका और नारीवादी विचारक। लेखन में चेतना-प्रवाह शैली के लिए उल्लेखनीय।
समादृत संत और दार्शनिक। पुष्टिमार्ग के संस्थापक और शुद्धाद्वैत के प्रतिपादक।
भारत के इतिहास, संस्कृति, कला एवं साहित्य के अधिकारी विद्वान। साहित्य अकादमी से पुरस्कृत।
समादृत कवि-आलोचक। ‘जायसी’ शीर्षक आलोचना-पुस्तक के लिए उल्लेखनीय।
सुप्रसिद्ध कवि-कथाकार। साहित्य अकादेमी और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।
शुक्लयुगीन हिंदी गद्यकार और ब्रज भाषा के कवि। गांधीवाद के अनुसरण और दलित सेवा के लिए भी उल्लेखनीय।
अमेरिका के समादृत उपन्यासकार, कथाकार, कवि और पटकथा लेखक। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।
अँग्रेज़ी विधिवेत्ता, न्यायधीश और राजनेता। 'कमेंट्रीज़ ऑन द लॉज़ ऑफ़ इंग्लैंड' कृति के लिए उल्लेखनीय।
समादृत अँग्रेज़ी आलोचक, कला-समीक्षक, निबंधकार, चित्रकार, सामाजिक टिप्पणीकार और दार्शनिक।
गौड़ीय वैष्णव परंपरा के प्रमुख आचार्य, विद्वान, कवि और भक्त। 'श्री गुरुवष्टकम्' सहित 40 से अधिक संस्कृत ग्रंथों के रचनाकार।
समादृत कवि-आलोचक और अनुवादक। कविता का एक अलग मुहावरा गढ़ने और काव्य-विषय-वैविध्य के लिए उल्लेखनीय।
'पंचतंत्र' के लिए सुप्रसिद्ध संस्कृत नीति-गद्यकार। तक्षशिला विश्वविद्यालय से संबद्ध।
सुप्रसिद्ध आधुनिकतावादी कवि। प्रतीकात्मक और दार्शनिक काव्य-दृष्टि के लिए उल्लेखनीय।