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विलियम फॉकनर

1897 - 1962 | न्यू अल्बानी

अमेरिका के समादृत उपन्यासकार, कथाकार, कवि और पटकथा लेखक। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।

अमेरिका के समादृत उपन्यासकार, कथाकार, कवि और पटकथा लेखक। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।

विलियम फॉकनर के उद्धरण

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प्यार नहीं मरता है, पुरुष और स्त्रियाँ मरा करते हैं।

अनुवाद : सरिता शर्मा

सपनों का एक समय में एक ही मालिक होता है। इसलिए सपने देखने वाले अकेले होते हैं।

अनुवाद : सरिता शर्मा

जो आदमी पहाड़ को हटाता है, वह शुरू में छोटे- छोटे पत्थरों को हटाता है।

अनुवाद : सरिता शर्मा

कितनी ही बार मैं घर के बारे में सोचते हुए, बारिश में किसी अजनबी छत पर सो चुका हूँ।

अनुवाद : सरिता शर्मा

अगर मैं ख़ुश हो सकता हूँ, तब मैं खुश हो जाऊँगा; अगर मुझे मुझे दुखी होना है, तब मुझे दुख उठाना ही पड़ेगा।

अनुवाद : सरिता शर्मा

प्यार के बारे में सबसे दुखद बात यह है कि वह हमेशा बना नहीं रह सकता।

अनुवाद : सरिता शर्मा

प्यारे भगवान, मुझे थोड़ी देर, थोड़ी और देर तक शापित बने रहने दो।

अनुवाद : सरिता शर्मा

अगर आपमें कोई कहानी है, तब उसे सामने आना चाहिए।

अनुवाद : सरिता शर्मा

मुझे दर्द के अनुभव और कुछ नहीं के बीच चुनना पड़े, तब मैं दर्द का चयन करूँगा।

अनुवाद : सरिता शर्मा

बात करो, बात करो, बात करो : शब्दों की निरी शोकाकुल करने वाली मूर्खता।

अनुवाद : सरिता शर्मा

अपने समकालीनों या पूर्ववर्तियों से बेहतर होने की चिंता मत करो। ख़ुद से बेहतर बनने की कोशिश करो।

अनुवाद : सरिता शर्मा

सज्जन व्यक्ति अपने कामों की ज़िम्मेदारी को स्वीकार करता है और उनके परिणामों को भुगतता है।

अनुवाद : सरिता शर्मा

सबसे अच्छी कल्पना किसी भी पत्रकारिता की तुलना में कहीं अधिक सच होती है।

अनुवाद : सरिता शर्मा

  • संबंधित विषय : सच

लिख डालो। कोशिश करो। यह प्रयास बुरा हो सकता है, लेकिन यही एकमात्र तरीक़ा है, जिससे आप कुछ अच्छा कर सकते हैं।

अनुवाद : सरिता शर्मा

अतीत कभी मरता नहीं है। वह बीतता भी नहीं है।

अनुवाद : सरिता शर्मा

शायद उन्होंने प्यार के बारे में किताबों में लिख कर सही किया। शायद वह और कहीं बचा नहीं रह सकता है।

अनुवाद : सरिता शर्मा

लेखक मत बनो। लिखो।

अनुवाद : सरिता शर्मा

हमें इसलिए स्वतंत्र नहीं होना चाहिए, क्योंकि हम स्वतंत्रता का दावा करते हैं; बल्कि इसलिए कि हम इसे जीते हैं।

अनुवाद : सरिता शर्मा

प्यार करो, क्योंकि आप गुण के कारण नहीं; बल्कि दोषों के बावजूद प्यार करते हैं।

अनुवाद : सरिता शर्मा

आप तब तक नए क्षितिज की ओर तैर नहीं सकते हैं, जब तक कि आप किनारे को दृष्टि से ओझल करने की हिम्मत करें।

अनुवाद : सरिता शर्मा

जब तक आप अब स्वयं पर शर्मिंदा नहीं होते, तब तक आप ईमानदार नहीं हैं।

अनुवाद : सरिता शर्मा

उत्सुक बनो। जाओ और चकित हो जाओ।

अनुवाद : सरिता शर्मा

लेखन में आपको अपने सभी प्रिय पात्रों को मार देना चाहिए।

अनुवाद : सरिता शर्मा

हमें ख़ुद को निडर होने के लिए सिखाना शुरू करना होगा।

अनुवाद : सरिता शर्मा

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