विक्टर ई. फ्रैंकल के उद्धरण
ज़रूरत पड़ने पर मनुष्य, संसार में बेहतरी के लिए बदलाव लाने की योग्यता रखता है और वह चाहे तो इस बेहतरी के लिए अपने भीतर भी बदलाव ला सकता है।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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इंसान अपने प्रेम के बल पर ही अपने प्रियतम की ख़ूबियों व गुणों को जान पाता है और इतना ही नहीं; वह उसमें छिपी उन संभावनाओं को भी जान लेता है, जो अभी तक प्रकट नहीं हो सकी हैं।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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अगर एक वास्तुशिल्पी किसी पुराने नींव के पत्थर को मज़बूती देना चाहता है तो वह उस पर भार बढ़ा देता है, ताकि जो हिस्से जोड़े गए हैं, वे और भी पास आ जाएँ। इसी तरह अगर चिकित्सक अपने किसी रोगी की मानसिक सेहत में बदलाव चाहता है; तो उसे व्यक्ति की मानसिक दिशा बदलते हुए, जीवन के अर्थ की ओर प्रेरित करने व तनाव पैदा करने में संकोच नही करना चाहिए।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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जीवन का असली अर्थ यही है कि हम इसकी समस्याओं का उचित हल ढूँढ़ने का दायित्व उठाएँ और उन सभी कामों को पूरा करें, जो जीवन ने प्रत्येक व्यक्ति के लिए तय कर रखे हैं।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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जिस रूप में मनुष्य अपने सारे कष्टों व भाग्य को स्वीकार करता है, जिस तरह वह अपनी सलीब ढोता है—वे उसे भरपूर अवसर देते हैं कि वह मुश्किल से मुश्किल हालातों के बीच भी—अपने जीवन को एक गहरा अर्थ दे सके।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
मनुष्य को हर स्थान पर भाग्य का सामना करना होता है, उसके पास ऐसा अवसर हमेशा होता है कि वह अपने ही कष्टों से स्वयं कुछ हासिल कर ले।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
जब एक मनुष्य देखता है कि यह पीड़ा उसके भाग्य में ही लिखी है, तो उसे अपनी पीड़ा को ही एक कार्य के रूप में स्वीकार करना होगा—यही उसका एकमात्र व अनूठा कार्य होगा।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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कोई रोगी ख़ुद को चरम सुख पाने के लिए जितना विवश करता चला जाता है, सेक्स का सुख उससे उतना ही दूर होता चला जाता है। वह उसे छलने लगता है। उस समय सुख पाने का यह नियम, उसके सुख को नष्ट करने का कारण बन जाता है।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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अब मनुष्य के मस्तिष्क को केवल एक मशीन या तंत्र भर नहीं समझा जाता। कुछ नए आयाम भी सामने आ रहे हैं और मनोचिकित्सा को मानवीय आधारों पर लागू किया जाने लगा है।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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हर परिस्थिति अपने अनूठेपन के कारण ही सबसे अलग होती है और उस परिस्थिति द्वारा सामने रखी गई समस्या का केवल एक ही उचित हल होता है।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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जब पीड़ा को उसके होने के मायने मिल जाते हैं, तो वह पीड़ा नहीं रह जाती। जैसे कुछ लोगों के लिए उस पीड़ा का अर्थ बलिदान भी हो सकता है।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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हर युग का अपना सामूहिक पागलपन (कलेक्टिव न्यूरोसिस) होता है, जिससे निपटने के लिए एक मनोवैज्ञानिक उपचार की आवश्यकता होती है। वर्तमान युग में 'अस्तित्व संबंधी ख़ालीपन' ही सामूहिक पागलपन के रूप में सामने आ रहा है, जिसे शून्यवाद (निहीलिज़्म) के रूप में वर्णित किया जा सकता है।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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कष्ट जीवन का एक ऐसा हिस्सा है; जिसे अलग नहीं किया जा सकता, इसे भाग्य व मृत्यु की तरह जीवन से जुड़ा हुआ ही जानें।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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हर मनुष्य के लिए उसके जीवन का अर्थ अलग-अलग होता है, जो हर दिन या घंटे के हिसाब से भी अलग-अलग हो सकता है।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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जीवन का अर्थ जानने का मतलब है कि आप इस बार में जानें कि किसी भी हालात में आपको क्या करना चाहिए। एक बार यह जान लेने के बाद आपके सामने एक अर्थ और एक उद्देश्य आ जाता है।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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अतीत में सक्रियता को आशावाद के साथ जोड़ा गया था, जबकि आज सक्रियतावाद के लिए निराशावाद की आवश्यकता है।
अनुवाद : महेंद्र सिंह यादव
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उदासीनता के हर मामले को आप जीवन की निरर्थकता से नहीं जोड़ सकते और न ही इसे आत्महत्या से जोड़ा जाना चाहिए—जिसकी संभावना उदासीपन के कारण पैदा होती है।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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भले ही हम जीवन में कितनी भी असहाय स्थिति का सामना क्यों न कर रहे हों या किसी ऐसी नियति को झेल रहे हों; जिसे बदलना नामुमकिन लग रहा हो, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि ऐसे समय में भी हम जीवन का अर्थ ढूँढ़ सकते हैं।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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संतान उत्पत्ति ही जीवन का एकमात्र अर्थ नहीं, अन्यथा यह पूरा जीवन ही निरर्थक होता और जो अपने आप में निरर्थक हो, उसे आप केवल उसकी निरंतरता के कारण अर्थवान तो नहीं कह सकते।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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केवल वर्तमान के क्षणिक पहलुओं में ही सारी संभावनाएँ होती है।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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मनुष्य की प्रधान चिंता यह नहीं कि वह सुख प्राप्त करे या स्वयं को पीड़ा से दूर रखे, वह तो दरअसल अपने जीवन के लिए एक अर्थ पाना चाहता है।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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हमारे मौजूद होने का सारा कार्य ज़िंदगी को जवाब देने, ज़िंदगी के प्रति जवाबदेह होने से ज़्यादा और कुछ नहीं है।
अनुवाद : महेंद्र सिंह यादव
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जीवन का अर्थ पाने के लिए क़तई आवश्यक नहीं कि आपके जीवन में दुःख व कष्ट होना ही चाहिए।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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ज़िंदगी के विशिष्ट पर्यावरण में हर एक व्यक्ति अद्वितीय और अनुकरणीय होता है और यह हर किसी के लिए सत्य है।
अनुवाद : महेंद्र सिंह यादव
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पूरी बहादुरी के साथ अपनी पीड़ा को सहन करने की चुनौती लेते ही, आपके जीवन को अंतिम क्षण तक के लिए अपना एक अर्थ मिल जाता है।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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‘महान चीज़ों को पाना जितना दुर्लभ होता है, उनका एहसास होना भी उतना ही कठिन होता है'—'एथिक्स ऑफ़ स्पिनोज़ा' का अंतिम वाक्य यही कहता है।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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अर्थ की तलाश करते हुए, इंसान के भीतर आंतरिक तालमेल के बजाए आंतरिक तनाव भी उभर सकता है।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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मनुष्य अपने लिए ख़ुशी की नहीं, बल्कि ख़ुश रहने के कारण की तलाश में रहता है। इसे पाने के लिए वह किसी भी हालात में छिपे अर्थ को पहचानकर उसे साकार कर सकता है।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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पीड़ा के बीच जीवन का अर्थ पाने के नज़रिए को देखा जाए तो यह बेशर्त है।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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इंसान होना, चैतन्य होने और जवाबदेह होने के सिवा और कुछ नहीं है।
अनुवाद : महेंद्र सिंह यादव
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मनुष्य भूखे मरने को भी तैयार हो जाता है, बशर्ते उसके पीछे भी कोई मक़सद या मतलब हो।
अनुवाद : महेंद्र सिंह यादव
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मनुष्य अपने प्रियतम को यह यक़ीन दिला सकता है कि वह क्या है और उसे क्या होना चाहिए। इस तरह वह उसकी संभावनाओं को साकार करने में अपनी ओर से अहम भूमिका निभाता है।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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एक सक्रिय जीवन मनुष्य को यह अवसर देता है कि वह रचनात्मक कार्यों में मूल्यों को पहचाने, जबकि आनंद से भरा निष्क्रिय जीवन उसे यह अवसर देता है कि वह कला, सौंदर्य व प्रकृति के अनुभव में संतुष्टि पाए। लेकिन जीवन में एक और उद्देश्य भी होता है, जिसमें सृजन व आनंद दोनों ही नहीं होते। जो उच्च नैतिक आचरण की संभावना को स्वीकार करता है : जैसे एक मनुष्य का अपने अस्तित्व के लिए रवैया; एक ऐसा अस्तित्व जिस पर बाहरी बलों द्वारा रोक लगाई जा रही हो, उसके लिए रचनात्मकता व आनंद भरा जीवन जीने की मनाही होती हैं। लेकिन केवल रचनात्मकता व आनंद सार्थक नहीं होते।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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जीवन का अर्थ अज्ञात व संदिग्ध नहीं हो सकता। इसे बहुत ही वास्तविक व ठोस होना चाहिए, वैसे ही, जैसे जीवन के सभी कार्य वास्तविक व ठोस हैं।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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कीर्केगार्ड ने यह बहुत समझदारी वाला कथन कहा था कि ख़ुशियों का दरवाज़ा हमेशा बाहर की ओर खुलता है, जिसका मतलब है कि जो व्यक्ति दरवाज़े को अंदर की तरफ़ खींचने की कोशिश करता है; उसके लिए यह बिल्कुल बंद हो जाता है, ऐसा कहना चाहिए।
अनुवाद : महेंद्र सिंह यादव
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भले ही कोई मनोरोगी इलाज न हो पाने की दशा में अपनी उपयोगिता क्यों न खो दे, लेकिन उसके भीतर एक मनुष्य होने की गरिमा व मर्यादा हमेशा बरकरार रहती है।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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दु:ख और रोग एक ही चीज़ नहीं है। कोई व्यक्ति बिना बीमार हुए भी दु:ख से गुज़र सकता है और बिना दु:ख झेले भी बीमार पड़ सकता है। दु:ख विशुद्ध रूप से इंसानी मामला है, जो पहले से ही किसी न किसी रूप में इंसानी ज़िंदगी का हिस्सा इस तरह से है कि कुछ परिस्थितियों में यह बिल्कुल यही 'मुसीबत रहित होना' है, जो वास्तव में कोई रोग हो सकता है।
अनुवाद : महेंद्र सिंह यादव
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जिस आध्यात्मिक आज़ादी को हमसे कोई नहीं छीन सकता, वही हमारे जीवन को सार्थक तथा उद्देश्यपूर्ण बनाती है।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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किसी भी मामले में प्रसन्नता पाने की चाह रखने वाले सभी मनुष्य; इस अर्थ में असफल होते ही हैं कि अच्छा भाग्य खोजने से नहीं मिलता, वह केवल गोद में अपने आप गिर सकता है।
अनुवाद : महेंद्र सिंह यादव
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एक बार जब मनुष्य की; अर्थ की तलाश पूरी हो जाती है तो यह न केवल उसे ख़ुशी देती है, बल्कि उसे अपनी पीड़ा से पार पाने की क्षमता भी प्रदान करती है।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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हम में से कोई नहीं जानता कि हमारे लिए क्या इंतज़ार कर रहा है—कोई बड़ा पल, असाधारण काम करने का कोई अनोखा मौक़ा।
अनुवाद : महेंद्र सिंह यादव
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जब आज़ादी को ज़िम्मेदारी के साथ नहीं निभाया जाता, तो उसके अनियंत्रित होने की संभावना बढ़ जाती है।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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दिमाग़ तो वास्तव में बीमार हो नहीं सकता, संज्ञानात्मक आयाम ही सही या ग़लत; वैध या अवैध हो सकता है, लेकिन बीमार नहीं हो सकता। जो चीज़ बीमार हो सकती है, रोगी हो सकती है—वह मानसिकता है।
अनुवाद : महेंद्र सिंह यादव
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संबंधित विषय : दिमाग़
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जो चीज़ें जीवन से उसका अर्थ छीन लेती हैं; उनमें न केवल पीड़ा, बल्कि मृत्यु भी शामिल है।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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ज़िंदगी हर मनुष्य से सवाल करती है और वह ज़िंदगी को इस सवाल का जवाब तभी दे सकता है, जब वह अपने जीवन के लिए जवाबदेह हो—एक ऐसा जीवन, जिसकी वह ज़िम्मेदारी ले सकता है।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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ख़ुशी के पीछे भागने से वह हासिल नहीं होगी, यह स्वतः ही आपके जीवन में आती है।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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निराशवादी आदमी अपनी दीवार पर लगे उस कैलेंडर को भय और उदासी के साथ देखता है, जो दिन-ब-दिन पन्ने फाड़े जाने के कारण पतला होता जा रहा है और उम्र बीतने का प्रतीक है। वही दूसरी ओर; जीवन की समस्याओं पर सक्रिय रूप से धावा बोलने वाला व्यक्ति, अपनी दीवार पर लगे कैलेंडर के पुराने पन्ने फाड़ता है। लेकिन वह उनके पीछे अपने अनुभव से जुड़े कुछ नोट्स लिखकर उन्हें कहीं सँभालकर रख देता है।
अनुवाद : रचना भोला 'यामिनी'
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बिना किसी नैतिकता के किसी को कोसते जाना, कितना अर्थहीन है और यह अर्थहीनता उस व्यक्ति के लिए कितनी विनाशकारी हो सकती है, जो केवल उपभोग करने में लगा हो।
अनुवाद : महेंद्र सिंह यादव
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किसी को भी यह नहीं मानना चाहिए कि हम आर्थिक कठिनाइयों, आर्थिक रूप से निराशाजनक स्थिति, या वास्तव में ऐसे संदर्भों में सामाजिक या आर्थिक कारकों को कम आँकने के हिसाब से बहुत तुच्छ हैं।
अनुवाद : महेंद्र सिंह यादव
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