अकीरा कुरोसावा के उद्धरण


चूँकि अज्ञानता मनुष्य में एक प्रकार का मानसिक दिवालियापन ही है। वे लोग जो असहाय बच्चों या छोटे जीवों को प्रताड़ित करने में आनंद पाते हैं—असल में पागल हैं।
अनुवाद : पंकज प्रखर


डरावनी बात यह है कि जो लोग अपने निजी दायरे में पागलपन करते हैं, वे सार्वजनिक रूप से बिल्कुल ही मासूम और सहज भाव भंगिमा के साथ हो सकते हैं।
अनुवाद : पंकज प्रखर

रचना से बेहतर, उस रचनाकार के बारे में कोई कुछ नहीं कह सकता।
अनुवाद : पंकज प्रखर
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यही काफ़ी है कि किसी इंसान के पास केवल एक ऐसा क्षेत्र हो जिसमें उसका वर्चस्व हो। अगर किसी का वर्चस्व हर क्षेत्र में हो, तो यह दूसरों के लिए ठीक नहीं होगा, है न?
अनुवाद : पंकज प्रखर
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मुझे ऐसा लगता है कि मेरी सारी फ़िल्में एक ही विषय पर आधारित हैं। उस विषय के बारे में अगर सोचूँ, तो वह विषय—दरअस्ल, एक सवाल है कि लोग साथ रहकर ज़्यादा प्रसन्न क्यों नहीं रह सकते?
अनुवाद : पंकज प्रखर
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किसी से नफ़रत करना—मेरे बस का नहीं हैं। मेरे पास इसके लिए वक़्त ही नहीं है।
अनुवाद : पंकज प्रखर
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संबंधित विषय : नफ़रत
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