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एलायस कनेटी

1905 - 1994 | रूसे

जर्मन भाषा के प्रसिद्ध उपन्यासकार, नाटककार और संस्मरणकार। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।

जर्मन भाषा के प्रसिद्ध उपन्यासकार, नाटककार और संस्मरणकार। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।

एलायस कनेटी के उद्धरण

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मनुष्य किसी भी चीज़ से उतना नहीं डरता जितना कि अज्ञात के स्पर्श से।

अनुवाद : राहुल तोमर

हर निर्णय मुक्ति प्रदान करता है, तब भी जब वह विनाश की ओर ले जाए। अन्यथा, क्यों इतने सारे लोग आँखें खोलकर सीधा चलते हुए अपने दुर्भाग्य में दाख़िल होते?

अनुवाद : राहुल तोमर

सफलता वह जगह है जो एक व्यक्ति अख़बार में घेरता है।

अनुवाद : राहुल तोमर

वे तमाम चीज़ें जिन्हें हम भूल जाते हैं, सपनों में मदद के लिए चिल्लाती हैं।

अनुवाद : राहुल तोमर

लोगों का भविष्य उनके नामों की वजह से आसान हो जाता है।

अनुवाद : राहुल तोमर

सफलता एक दिन की निर्लज्जता है।

अनुवाद : राहुल तोमर

सुंदरता में हमेशा कुछ सुदूर होता है।

अनुवाद : राहुल तोमर

कुछ मत समझाओ। उसे वहाँ रखो। बोलो। जाओ।

अनुवाद : राहुल तोमर

इससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता कि कोई विचार कितना नया है : फ़र्क़ इस बात से पड़ता है कि वह कितना नया बन पाता है।

अनुवाद : राहुल तोमर

दूसरों के साथ सामंजस्य बिठाने का पहला असर यह होता है कि हम उबाऊ बन जाते हैं।

अनुवाद : राहुल तोमर

सीखना, अनदेखा करने की कला है।

अनुवाद : राहुल तोमर

  • संबंधित विषय : कला

वे शासक जो युद्ध छेड़ना चाहते हैं, वे इस बात से भली-भाँति परिचित हैं कि उन्हें पहला पीड़ित जुटाना या गढ़ना होगा।

अनुवाद : राहुल तोमर

इसमें कोई शक नहीं कि मनुष्य के अध्ययन की अभी शुरुआत भर हुई है, साथ ही उसका अंत नज़र आने लगा है।

अनुवाद : राहुल तोमर

शराबियों के भ्रम हमें यह देखने का मौक़ा देते हैं कि भीड़ किसी व्यक्ति के दिमाग़ में कैसे दिखती है।

अनुवाद : गार्गी मिश्र

पुनः विस्मय का अनुभव करो।

अनुवाद : गार्गी मिश्र

अनंत काल में हर चीज़ बस शुरू हो रही होती है।

अनुवाद : गार्गी मिश्र

कुछ भी मत समझाओ। अपनी बात को रखो। कहो। और चले जाओ।

अनुवाद : गार्गी मिश्र

सीखना, कुछ बातों को नज़रअंदाज़ करने की कला है।

अनुवाद : गार्गी मिश्र

दूसरों की उपस्थिति का मृत हो जाना ही बुढ़ापा है और कुछ नहीं।

सब कुछ इस पर निर्भर करता है कि हम ख़ुद को किससे जोड़कर देखते हैं।

अनुवाद : गार्गी मिश्र

अपनी ज़िंदगी लिखते वक़्त हर पन्ने पर ऐसी बात होनी चाहिए जो नई हो।

अनुवाद : गार्गी मिश्र

दूसरों के अनुसार ख़ुद को ढ़ालने से सबसे पहले इंसान उबाऊ हो जाता है।

अनुवाद : गार्गी मिश्र

ग़लत धारणाओं को छोड़ने में समय लगता है। अचानक से ऐसा होने पर वे मन में सड़ने लगती हैं।

अनुवाद : गार्गी मिश्र

एक भीड़ तब तक रहती है जब तक उसके पास कोई अधूरा लक्ष्य होता है।

अनुवाद : गार्गी मिश्र

महान विचारों को फिर से कहना ज़रूरी है, बिना यह जाने कि वे पहले से कहे जा चुके हैं।

अनुवाद : गार्गी मिश्र

मनुष्य को सबसे अधिक डर अनजान के स्पर्श से लगता है।

अनुवाद : गार्गी मिश्र

मृत्यु एक घोटाले जैसी है। मशीन चलती रहती है और हम सब बंधक बन जाते हैं।

अनुवाद : गार्गी मिश्र

जो मृत्यु के प्रति जुनूनी है, उसे वह एक अपराधबोध में डाल देती है।

अनुवाद : गार्गी मिश्र

शब्द बूढ़े नहीं होते, केवल लोग बूढ़े हो जाते हैं, यदि वे बार-बार वही शब्द इस्तेमाल करते हैं।

जिन बातों को हम भूल जाते हैं वे स्वप्न में हमसे मदद की भीख माँगती हैं।

अनुवाद : गार्गी मिश्र

लिखने की प्रक्रिया में एक अनंतता है। यह चाहे हर रात रुक जाए, यह एक सतत प्रक्रिया है।

अनुवाद : गार्गी मिश्र

समझना, जैसा हम समझते हैं, वह ग़लतफ़हमी है।

अनुवाद : गार्गी मिश्र

पाँच मिनट में पृथ्वी एक रेगिस्तान बन जाएगी, और तुम किताबों से चिपके रहते हो।

अनुवाद : गार्गी मिश्र

सफलता केवल तालियों को सुनती है। बाक़ी सबके लिए वह बहरी है।

अनुवाद : गार्गी मिश्र

दुनिया में दुःख इसलिए है क्योंकि हम भविष्य की ओर बहुत कम देखते हैं।

अनुवाद : गार्गी मिश्र

जो कुछ भी हमारी स्मृति में अंकित होता जाता है उसमें आशा का एक कण छुपा होता है, चाहे वह निराशा से ही क्यूँ भरा हुआ हो।

अनुवाद : गार्गी मिश्र

मैं अपने मृतकों की यादों से इतना भरा हूँ कि अब और किसी की मृत्यु के लिए मेरे पास कोई जगह नहीं बची।

अनुवाद : गार्गी मिश्र

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