शांति पर बेला

14 अप्रैल 2024

बंगाली, बैशाख और रवींद्रनाथ

बंगाली, बैशाख और रवींद्रनाथ

बैशाख के खेत की दरार में यह दुनिया असमान है और कोई वादा नहीं... केवल दो या तीन मील घास के ढेर हैं फिर भी यह सोने जैसा नहीं है हँसिये की आवाज़ ही भूल जाती है  धरती की तोप को— करुण, निर्दोष और अस

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