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आकांक्षा पर कविताएँ

बान्हछान्ह

हरेकृष्ण झा

आ फेर सँ

हरेकृष्ण झा

कलंकिनी

श्रुति कुशवाहा

मनोरथ

प्रणव नार्मदेय

हम और वे

दीप्ति कुशवाह

ख़्वाहिश

ममता जयंत

इच्छा किंचित् भी न रही अब...

ज्ञानराज माणिकप्रभु

आ रही लज्जा मुझे...

ज्ञानराज माणिकप्रभु

द्वैत-गीत

सुरेन्द्र झा 'सुमन'