Font by Mehr Nastaliq Web

रचनाकार पर उद्धरण

कलाकार होने मात्र से, रचनाकार होने मात्र से कोई व्यक्ति श्रेष्ठ वांछनीयता का अधिकारी नहीं होता।

गजानन माधव मुक्तिबोध

मनुष्य जो स्वभावतः ही सृष्टिकर्ता, इसीलिए वह हरेक चीज़ को अपनी रचना में परिणत करके उसमें आश्रय लेता है, केवल विधाता की सृष्टि में आरामदेह बिछौना नहीं बनाता।

रवींद्रनाथ टैगोर

कविता और कला के निर्माताओं का भी कर्त्तव्य है कि वे आधुनिक देश-काल के समीकरण द्वारा व्युत्पादित सृष्टि, स्थिति और प्रलय-संबंधी सिद्धांतों का उपयोग अपनी अमर कृतियों में कौशल के साथ करें।

वासुदेवशरण अग्रवाल
  • संबंधित विषय : कला

सर्जक को श्रमजीवी होना चाहिए, प्रेरणाजीवी नहीं।

अमृतलाल वेगड़