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उद्धरण

उद्धरण श्रेष्ठता का संक्षिप्तिकरण हैं। अपने मूल-प्रभाव में वे किसी रचना के सार-तत्त्व सरीखे हैं। आसान भाषा में कहें तो किसी किताब, रचना, वक्तव्य, लेख, शोध आदि के वे वाक्यांश जो तथ्य या स्मरणीय कथ्य के रूप में प्रस्तुत किए जाते हैं, उद्धरण होते हैं। भाषा के इतिहास में उद्धरण प्रेरणा और साहस प्रदान करने का काम करते आए हैं। वे किसी रचना की देह में चमकती आँखों की तरह हैं, जिन्हें सूक्त-वाक्य या सूक्ति भी कहा जाता है। संप्रेषण और अभिव्यक्ति के नए माध्यमों में इधर बीच उद्धरणों की भरमार है, तथा उनकी प्रासंगिकता और उनका महत्त्व स्थापना और बहस के केंद्र में है।

1851 -1904

सुपरिचित नारीवादी उपन्यासकार-कथाकार। 'द अवेकनिंग' कृति के लिए उल्लेखनीय।

1888 -1923

न्यूज़ीलैंड की सुप्रसिद्ध कवयित्री, कथाकार और समालोचक। आधुनिकतावादी आंदोलन में योगदान के लिए उल्लेखनीय।

1934 -2018

समादृत कवि-लेखक। भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित।

1906 -1995

सुप्रसिद्ध हिंदी लेखक और पत्रकार। ललित निबंध, रेखाचित्र और संस्मरण विधा में उल्लेखनीय योगदान।

रीतिकाल के नीतिकवि। हिंदी के पहले संबोधन काव्य के रचयिता। 'राजिया' को संबोधित सोरठों के लिए समादृत।

1933 -1996

आधुनिक युग के सुप्रसिद्ध ललित-निबंधकार। भारतीय सांस्कृतिक चिंतन में योगदान।

1927 -2017

समादृत कवि-आलोचक और अनुवादक। भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित।

1927 -2020

समादृत साहित्यकार। विलक्षण कथाकारिता और डायरी-लेखन के लिए लोकप्रिय।

1936 -2023

सुपरिचित लेखक। निबंध, पत्रकारिता-लेखन, संस्मरण और अनुवाद में योगदान।

990 -1070

11वीं सदी के समादृत संस्कृत कवि, नाटककार, इतिहासकार, विचारक और आचार्य।

1885 -1981

समादृत लेखक, पत्रकार, समाज-सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

1899 -1976

'विद्रोही कवि' के रूप में समादृत बांग्ला कवि-लेखक और संगीतकार। बांग्लादेश के राष्ट्रीय कवि।

संस्कृत के महाकवि और नाटककार। 'कुमारसंभवम्', 'अभिज्ञानशाकुन्तलम्', 'रघुवंशम्', 'मेघदूतम्', 'विक्रमोर्वशीयम्' आदि कृतियों के लिए समादृत।

1901 -1991

समादृत ओड़िया कवि-उपन्यासकार-नाटककार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

-1947

समादृत सिंधी कवि-लेखक। 'शीरीं शीर' और 'गंगाजूँ लहरू' कृतियों लिए उल्लेखनीय।

1898 -1981

समादृत वैयाकरण, भाषाविद् और साहित्यशास्त्री। 'हिन्दी शब्दानुशासन' कृति के लिए उल्लेखनीय।

1763 -1828

जापान के समादृत हाइकू कवि और शिन-बौद्ध पुरोहित।

1873 -1954

सुप्रसिद्ध फ़्रेंच लेखिका, अभिनेत्री और पत्रकार। 'गिगी' लघु-उपन्यास के लिए उल्लेखनीय।