कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी के उद्धरण
                मनुष्य के जीवन में भी सूर्योदय और सूर्यास्त होता है।
                आर्यत्व न तो रंग में ही है और न कुल में है, जहाँ देवों की शरण में जाने की शक्ति है, वहीं आर्यत्व है।
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