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स्पर्श पर कवितांश

त्वचा हमारी पाँच ज्ञानेंद्रियों

में से एक है, जो स्पर्श के माध्यम से हमें वस्तुओं का ज्ञान देती है। मानवीय भावनाओं के इजहार में स्पर्श की विशिष्ट भूमिका होती है। प्रस्तुत चयन में स्पर्श के भाव-प्रसंग से बुनी कविताओं को शामिल किया गया है।

प्रेम का स्पर्श एक लंबी नींद है

सुदीप सोहनी

अपने बच्चों के शरीर का स्पर्श सुखद है

उनकी तोतली बोली सुनना

कान के लिए सुखद है।

तिरुवल्लुवर

देखना, स्पर्श करना,

सूँघना, सुनना, अनुभव करना—

पंचेंद्रियों का सुख

नायिका से पूर्ण रूप से मिल जाता है

तिरुवल्लुवर