Font by Mehr Nastaliq Web

इंद्रियाँ पर कवितांश

देखना, स्पर्श करना,

सूँघना, सुनना, अनुभव करना—

पंचेंद्रियों का सुख

नायिका से पूर्ण रूप से मिल जाता है

तिरुवल्लुवर