नल-दमयंती कथा : परिचय, प्रेम और पहचान
“...और दमयंती ने राजा नल को परछाईं से पहचान लिया!” स्वयंवर से पूर्व दमयंती ने नल को देखा नहीं था, और स्वयंवर में भी जब देखा तो कई नल एक साथ दिखे। इनके बीच से असली नल को पहचान लेना संभव नहीं था।
हिंदी साहित्य के आउटसाइडर नीलकांत को जानना
फ़ेसबुक पर एक वीडियो तैरती हुई दिखाई दी। उसमें एक बुज़ुर्ग अपील कर रहे हैं कि कल देवनगर झूसी में आयोजित साहित्यिक गोष्ठी में शिरकत करें। मैंने तय किया कि इस गोष्ठी में जाऊँगा। मैं जहाँ रहता हूँ, वहाँ
जीवन के मायाजाल में फँसी मछली
पेंगुइन बर्फ़ की कोख में नवजात पेंगुइन पैदा हुआ। पेंगुइन नहीं जानता था, वह क्यों और किस तरह पैदा हुआ। कौन-से उद्देश्य की ज़र खाई पाज़ेब पहन अपने पाँव ज़मीन पर रखे। यह रूप, यह संज्ञा, यह संसार, यह
आईआईसी से आयुष्मान
बीते हफ़्तों में जितनी बार इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (IIC) जाना हो गया, उतना तो पहले कुल मिलाकर नहीं गया था। सोचा दोस्तों को बता दूँ कि अगर मैं यूनिवर्सिटी में न मिलूँ तो मुझे इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में