
भारत में आर्य जाति के लोग पहले अरण्य-निवासी थे, फिर ग्रामवासी हुए और उसके बाद नगरवासी।
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आधुनिक और प्रासंगिक बने रहने के लिए ज़रूरी है कि पानी, वायु, मिट्टी जैसे विषयों पर कुछ-कुछ बोलते रहा जाए, पर दबाव बनाने से परहेज किया जाए। यही अच्छे नागरिक का गुण है।

सामान्य नागरिक होने का अर्थ है जीवन के घिरते हुए क्षितिजों में गाने सुनकर गुज़ारा कर लेना, बार-बार बीमार पड़ने पर भी यह विश्वास मन में रखना कि समस्या सार्वजनिक है, फिर भी साध्य है।