गजानन माधव मुक्तिबोध के 10 प्रसिद्ध और सर्वश्रेष्ठ उद्धरण

गजानन माधव मुक्तिबोध

के 10 प्रसिद्ध और सर्वश्रेष्ठ उद्धरण

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हमारे आलस्य में भी एक छिपी हुई, जानी-पहचानी योजना रहती है।

गजानन माधव मुक्तिबोध

पाप के समय भी मनुष्य का ध्यान इज़्ज़त की तरफ़ रहता है।

गजानन माधव मुक्तिबोध

आज का प्रत्येक संवेदनशील व्यक्ति प्रेम का भूखा है।

गजानन माधव मुक्तिबोध

मुक्ति अकेले में अकेले की नहीं हो सकती। मुक्ति अकेले में अकेले को नहीं मिलती।

गजानन माधव मुक्तिबोध

अच्छाई का पेड़ छाया प्रदान नहीं कर सकता, आश्रय प्रदान नहीं कर सकता।

गजानन माधव मुक्तिबोध

झूठ से सच्चाई और गहरी हो जाती है—अधिक महत्त्वपूर्ण और प्राणवान।

गजानन माधव मुक्तिबोध

अस्ल में साहित्य एक बहुत धोखे की चीज़ हो सकती है।

गजानन माधव मुक्तिबोध

जल विप्लव है।

गजानन माधव मुक्तिबोध

वेदना बुरी होती है। वह व्यक्ति को व्यक्ति-बद्ध कर देती है।

गजानन माधव मुक्तिबोध

अमिश्रित आदर्शवाद में मुझे आत्मा का गौरव दिखाई देता है।

गजानन माधव मुक्तिबोध

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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