संत और भक्त कवि, लोकमंगल की भावना से प्रेरित और लोकमंगल की साधना के कवि थे।
कुछ लोग समझते हैं कि संत काव्य केवल असहमति और विरोध का काव्य है—यह संत काव्य की अधूरी समझ का परिणाम है।
संत और भक्त कवि, लोकमंगल की भावना से प्रेरित और लोकमंगल की साधना के कवि थे।
कुछ लोग समझते हैं कि संत काव्य केवल असहमति और विरोध का काव्य है—यह संत काव्य की अधूरी समझ का परिणाम है।