भालचंद्र नेमाडे के प्रसिद्ध और सर्वश्रेष्ठ उद्धरण
भालचंद्र नेमाडे के प्रसिद्ध
और सर्वश्रेष्ठ उद्धरण
समाज में स्थित विभिन्न नगरीय तथा राजनैतिक संस्थाओं की अस्तित्व में स्थित व्यवस्था को अमान्य करना—यह विद्रोही साहित्य का लक्ष्य होता है।
-
टैग्ज़ : अस्तित्वऔर 2 अन्य
समीक्षा पूर्णतः निर्गुण रूप में एक व्यक्ति द्वारा साहित्यादि कलाओं पर किया गया चिंतन होता है।
-
टैग्ज़ : कलाऔर 1 अन्य
विकृत सामाजिक संदर्भ का साहित्य, आभासी और मनोरंजनवादी प्रवृत्तियों का पोषक होता है।
-
टैग : साहित्य
केवल साहित्यिक परिवेश से जन्मा विद्रोह हो तो वह सच्चा विद्रोह नहीं होता।
-
टैग्ज़ : सचऔर 1 अन्य
लिखना—यह एक अखंड प्रक्रिया है। और उसके लिए ज़िंदगी भर लिखते रहना ज़रूरी है।
-
टैग : जीवन
विद्रोही साहित्य के संबंध में एक विरोधाभास यह है कि जिन बातों का वह विध्वंस करता है, उन्हीं बातों को प्राप्त करने का वह प्रयास करता है।
-
टैग्ज़ : विनाशऔर 1 अन्य
विद्रोही साहित्य की शोकास्पद स्थिति यह है कि वह व्यक्तिवादी होता है, परंतु उसका आह्वान समूह को, जाति को, धर्म या वंश को होता है।
-
टैग्ज़ : धर्मऔर 1 अन्य
प्रतिबद्धता की अवधारणा लेखक सापेक्ष होती है, साहित्य और रसिक इन दो अन्य इकाइयों का प्रतिबद्धता से आनेवाला संबंध काफ़ी दूर का होता है।
-
टैग : साहित्य
विद्रोही साहित्य का मूल्य सौंदर्यशास्त्रीय न होकर मनोवैज्ञानिक होता है।
-
टैग : साहित्य
साहित्य का अर्थ केवल ‘लिखा हुआ’ ऐसा न लेते हुए ‘पढ़ा हुआ’ ऐसा अगर लें तो साहित्य-प्रक्रिया का अधिक व्यापक सामाजिक कार्य ध्यान में आएगा।
-
टैग : साहित्य
जिस प्रकार की संस्कृति होती है, उसके अनुरूप ही विद्रोही-साहित्य उसमें निर्मित होता है।
-
टैग्ज़ : संस्कृतिऔर 1 अन्य
सामाजिक जीवन में कुछ तो बिगड़ा हुआ है, इसे विद्रोही आंदोलन दर्शाता है। विद्रोही साहित्य के द्वारा उस बीमारी का निदान किया जा सकता है।
-
टैग्ज़ : जीवनऔर 1 अन्य
प्रत्येक युग में सत्ताधारी वर्ग के मूल्यों का प्रभुत्व समाज में संतुलन साधता रहता है।
-
टैग : समाज