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सुशील सुमन

1987 | वैशाली, बिहार

नई पीढ़ी के आलोचक।

नई पीढ़ी के आलोचक।

सुशील सुमन के ब्लॉग

मुक्तिबोध का दुर्भाग्य

मुक्तिबोध का दुर्भाग्य

आज 11 सितंबर है—मुक्तिबोध के निधन की तारीख़। इस अर्थ में यह एक त्रासद दिवस है। यह दिन याद दिलाता है कि आधुनिक हिंदी कविता की सबसे प्रखर मेधा की मृत्यु

सुशील सुमन
कुँवर नारायण की कविता और मुक्तिबोध की आलोचना-दृष्टि

कुँवर नारायण की कविता और मुक्तिबोध की आलोचना-दृष्टि

मौजूदा समय के संकटों और चिंताओं के बीच जब हमें मुक्तिबोध याद आते हैं, तो न केवल उनकी कविताएँ और कहानियाँ हमें याद आती हैं, बल्कि उनका समीक्षक रूप भी श

सुशील सुमन

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