बिहार के रचनाकार

कुल: 110

रीतिबद्ध के आचार्य कवि। काव्यांग-निरूपण में सिरमौर। शृंगार-निरूपण के अतिरिक्त नीति-निरूपण के लिए भी उल्लेखनीय।

आधुनिक हिंदी कविता के प्रमुख कवि और कथाकार। अपने जनवादी विचारों के लिए प्रसिद्ध। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

समादृत कवि और निबंधकार। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

वज्रयानी सिद्ध। हिंदी के प्रथम कवि। सरह, सरहपाद, शरहस्तपाद, सरोजवज्र जैसे नामों से भी चर्चित।

सुप्रसिद्ध आलोचक। कहानी आलोचना में अपने योगदान के लिए उल्लेखनीय।

‘मैथिल कोकिल’ के नाम से लोकप्रिय। राधा-कृष्ण की शृंगार-प्रधान लीलाओं के ग्रंथ ‘पदावली’ के लिए स्मरणीय।

समादृत कवि। ‘गोली दाग़ो पोस्टर’, ‘भागी हुई लड़कियाँ’ और ‘सफ़ेद रात’ सरीखी कविताओं के लिए लोकप्रिय।

सुपरिचित साहित्यकार। समकालीन भारतीय साहित्य पत्रिका के संपादक रहे।

सुप्रसिद्ध गीतकार। विद्रोही और प्रगतिशील विचारों के लिए उल्लेखनीय।

समादृत कथाकार। कुछ कविताएँ भी लिखीं। समाजवादी और आंचलिक संवेदना के लिए उल्लेखनीय। पद्मश्री से सम्मानित।

अकविता दौर के कवि-कथाकार और अनुवादक। जोखिमों से भरा बीहड़ जीवन जीने के लिए उल्लेखनीय।

हिंदी की सुपरिचित कवयित्री और कथाकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

नवें दशक की कवयित्री। भाषिक सादगी और विषय-चयन के लिए उल्लेखनीय।

सुपरिचित कवि-विचारक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

रीतिकालीन कवि। शृंगार और वीर रस की कविताओं में निष्णात। 'हम्मीर हठ' कीर्ति का आधार ग्रंथ।

मुक्ति पंथ के प्रवर्तक। स्वयं को कबीर का अवतार घोषित करने वाले निर्गुण संत-कवि।

भक्तिकाल के संत कवि। आत्महीनता, नाम स्मरण, विनय और आध्यात्मिक विषयों पर कविताई की। 'निज' की पहचान पर विशेष बल दिया।

जनवादी आंदोलन के महत्वपूर्ण कथाकार।

इस सदी में सामने आए हिंदी कवि-अनुवादक। कुछ कहानियाँ भी लिखीं। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।

नाथ परंपरा के कवि। चर्पटनाथ के शिष्य। असार संसार में लिप्त जीवों की त्रासदी के सजीव वर्णन के लिए स्मरणीय।

सुपरिचित कवयित्री और आलोचक। हिंदी कविता में स्त्रीवादी वैचारिकी के निर्माण में अहम भूमिका।

नई पीढ़ी की चर्चित कवयित्री। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।

सुपरिचित कवि-लेखक-अनुवादक और नाटककार। लोक-संवेदना और सरोकारों के लिए उल्लेखनीय। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक और अनुवादक।

नई पीढ़ी के कवि और गद्यकार।

सुपरिचित कवि-लेखक।

नई पीढ़ी के कवि। गद्य-लेखन में भी सक्रिय।

सुपरिचित कवि। आदिवासी संवेदना-सरोकारों के लिए उल्लेखनीय। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार और साहित्य अकादेमी के युवा पुरस्कार से सम्मानित।

आठवें दशक के प्रमुख कवि-लेखक और संपादक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

अत्यंत सक्रिय छात्र नेता और अध्येता। जेएनयू से पढ़ाई। 1997 को बिहार बंद के समर्थन में सिवान शहर के जे.पी. चौराहे पर सभा करते हुए अपराधियों की गोली से शहीद हुए। चंदू के नाम से लोकप्रिय।

कविता-पटकथा और समीक्षा की विधा में सक्रिय।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक और अनुवादक।

सिक्खों के दसवें और अंतिम गुरु। 'खालसा पंथ' के संस्थापक। 'चंडी-चरित्र' के रचनाकार।

हिंदी के सुकंठ गीतकार और नवगीतकार के रूप में चर्चित।

सुपरिचित कवयित्री।

नई पीढ़ी की सुपरिचित कवयित्री 'मैं थिगली में लिपटी थेर हूँ' शीर्षक से एक कविता-संग्रह प्रकाशित।

नवें दशक में सामने आए हिंदी कवि। मैथिली में भी लेखन।

पेशे से पत्रकार, होम्योपैथ और मूलत: कवि। छह कविता-संग्रह प्रकाशित।

नई पीढ़ी के कवि-ग़ज़लकार। निम्नमध्यवर्गीय संवेदना के लिए उल्लेखनीय।

सुपरिचित कवि। गद्य-लेखन और साहित्यिक पत्रकारिता में भी सक्रिय।

नई पीढ़ी की कवयित्री।

समादृत कवि-आलोचक। ‘नकेनवाद’ आंदोलन के तीन सूत्रधारों में से एक।

नई पीढ़ी के कवि। 'इस कविता में प्रेमिका भी आनी थी' शीर्षक से एक कविता-संग्रह प्रकाशित।

नवें दशक के कवि। उपन्यास और नाट्य-लेखन में भी सक्रिय।

नवें दशक की कवयित्री। जनवादी संवेदना और सरोकारों के लिए उल्लेखनीय।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक।

नवें दशक में सामने आए हिंदी कवि। बाद में कहानियाँ भी लिखीं। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।

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