बेंजामिन फ़्रैंकलिन के उद्धरण

परंतु इस संसार में मृत्यु और करों के अतिरिक्त किसी वस्तु को भी अवश्यंभावी नहीं कहा जा सकता।

जब तुम किसी व्यक्ति से बोलो, तो उसके नेत्रों की ओर देखो; जब वह तुम से बोले, तो तुम उसके मुख की ओर देखो।



हो सकता है कि दीर्घ जीवन पर्याप्त अच्छी न हो परंतु अच्छा जीवन पर्याप्त दीर्घ होता है।
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