Font by Mehr Nastaliq Web

जिसका अपना कोई रहस्य नहीं होता, उसे दूसरों के रहस्यों में बहुत रुचि होती है

सावधानी का केवल एक क्षण होता है, जहाँ आप रुक सकते हैं। 

~~~

अगर मैं आपसे कहूँ कि मानव दौड़ की भाषा ही औसत दर्जे का प्रयास है तो? शब्द, रचनाएँ, साहित्य सब कुछ क्या यह अभिव्यक्ति का सबसे औसत दर्जे का प्रयास है तो?

~~~

भाषा केवल एक आवरण है और जब इसका प्रयोग किया जाता है तो नग्न शरीर की तरह आदिम आत्मा ढक जाती है।

~~~

मानव-भाषा स्वयं एक सीमित रूप थी। यह सुविधा के लिए बनाया गया एक उपकरण था। बहुत हद तक, जो महसूस किया गया और जो कहा गया, उसके बीच एक अंतर था। सदियों पुरानी यह मानवता उस कमी को भरने का कोई रास्ता नहीं खोज पाई।

~~~

विकास की अनगिनत शताब्दियों में हम अनुभवों की जटिलता को व्यक्त नहीं कर पाए हैं। हम सब कुछ सरलीकृत करना चाहते हैं, जो समझ में आए ऐसा।लेकिन क्या हमारे अनुभव इतने सरल हैं?

~~~

जिसका अपना कोई रहस्य नहीं होता, उसे दूसरों के रहस्यों में बहुत रुचि होती है

~~~

मान्यताएँ व्यर्थ हैं, अनुभव सत्य है। 

~~~

दुश्मनी का भी एक रिश्ता होता है। शत्रुता की भी एक माया होती है।

~~~

साहित्य एक मानवीय अनुसंधान है... यह शाश्वत है, क्योंकि मनुष्य चला जाता है; शब्द जीवित रहते हैं!

~~~

विश्वास एक अस्पष्ट शब्द है... इसका कोई मतलब नहीं है।

~~~

वास्तविक संबंध तो अनजान-अपरिचित लोगों से ही संभव है। किसी को नाम, पहचान, जाति, धर्म या राष्ट्रीयता के बिना सिर्फ़ एक इंसान के रूप में देखना; सिर्फ अपरिचित के साथ ही हो सकता है। कोई पहचान न हो तभी सच्ची पहचान खिल सकती है। दो लोगों के बीच कोई लक्ष्य नहीं, कोई अपेक्षा नहीं, कोई सपना नहीं, कोई अतीत या भविष्य नहीं... बस एक स्मित। उस स्मित में ही बिना आवरण के आदिम अपनापन फैल सकता है। परिचय वास्तव में एक दिखावा है। अत्यधिक निकटता दूरी का एक मार्ग है।

~~~

दोनों छोरों के बीच कुछ भी संभव नहीं है। 

~~~

पीर को समझने के लिए पीर का सटीक कारण जानने की आवश्यकता नहीं है।

~~~

अगर कोई मुझसे पूछे—‘मूर्खता क्या है?’ तब मुझे कहना होगा कि जैसे ब्रह्मांड में एक ब्लैक होल है, वैसे ही जीव में भी मूर्खता (बेतुकापन) है। एक निश्चित रहस्यमय क्षेत्र, जिसके पास जाने पर कोई भी आकर्षित हो जाता है। बाहरी लोग कभी नहीं जान सकते कि अंदर क्या है, और अंदर के लोग उनके अनुभव बताने के लिए कभी वापस नहीं आते।

~~~

जिस प्रकार ब्लैकहोल का प्रवेश-द्वार अज्ञात है, उसी प्रकार असंबद्धता का द्वार भी अज्ञात स्थानों पर स्थित है। और फिर यह व्यक्तिगत है, इसलिए एक को जहाँ से प्रवेश प्राप्य है; वही दूसरे के लिए दीवार हो ऐसा भी संभव है!

~~~

कोई व्यक्ति अपने बारे में जो मानता है, उसकी विश्वसनीयता क्या? हर एक का अपने बारे गठित अभिप्राय अंतिम तो नहीं गिना जा सकता!

~~~

सत्य कभी स्पष्ट वर्तुलाकार नहीं होता, सत्य होता है पतंग की डोर की उलझन जैसा...

~~~

व्यक्ति को सिर्फ वही याद रहता है जो उसके तर्क को सच साबित करने के लिए आवश्यक हो।

~~~

सत्य हमेशा तर्कहीन और असंगत होता है। हम भले ही इसे तार्किक रूप से स्पष्टीकरण के साथ प्रस्तुत करें, लेकिन अपने शुद्धतम रूप में वह बस होता ही है। कोई तर्क नहीं, कोई समझ नहीं जिसे प्रभावित नहीं किया जा सके।

~~~

प्रश्न सबसे अनमोल उपहार है।

~~~

यह सत्य है—इसका प्रमाण किसके पास है 

~~~

तथ्य किसी सबूत पर निर्भर नहीं करता।

~~~

संख्या-बल और सत्य के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है।

~~~

परिपूर्ण होना जीवन का स्वभाव नहीं है।

~~~

जब हमारे पास कहने को कुछ नहीं होता, तब फूल भी हमारी बात बखूबी समझते है।

~~~

हर उपलब्धि की एक क़ीमत होती है... 

~~~

समृद्धि के साथ व्यस्तता भी आती है।

~~~

विचार स्वाभाविक रूप से इंसानों से ज़्यादा परिपक्व होते हैं।

~~~

आधा-अधूरा कहना झूठ बोलना नहीं है, लेकिन आधा न बताना झूठ बोलना ज़रूर है।

~~~

ज़रूरी नहीं कि हर घटना का कोई परिणाम हो।

~~~

इंसानों के अलावा विश्व भी संकेतों की क़ीमत जानता है। बिना स्पर्श के भी स्पर्श का बोध होता है।

~~~

कोलाहल और आनंद... दो ही स्थायी भाव हैं।

~~~

यही तो धारणाओं की प्रकृति है। प्रत्येक परिकल्पना केवल एक संभावना है। हम जो कुछ भी मानते हैं, जो कुछ भी हम जीते हैं—वह निश्चित धारणाओं पर आधारित है, लेकिन जीवन की वैकल्पिक संभावनाएँ भी उतनी ही वास्तविक हैं। इसलिए यदि आप किसी चीज़ पर विश्वास नहीं करते हैं, तो यह महज़ एक रास्ता है जिस पर अमल नहीं किया गया है। सिर्फ़ इसलिए कि एक व्यक्ति हरी पगडंडी पर चलता है इसका मतलब यह नहीं है कि धूल से भरा सूखा रास्ता था ही नहीं! अगर कोई बर्फ़ की चादरों के बीच से रास्ता लेता है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि गीली मिट्टी के साथ कोहरा भरा रास्ता था ही नहीं।

~~~

एकमात्र वाक्य जो सत्य के सबसे करीब आता है—वह है—‘मुझे नहीं पता।' इसके बजाय लोग कहते हैं, ‘ऐसा नहीं हो सकता।’

~~~

भौतिक सुखों से दुखी होने के व्यर्थ भाषण वे लोग देते थे जिनके पास सभी भौतिक सुख थे।

~~~

वास्तव कल्पना से अधिक विचित्र है।

~~~

यहाँ प्रस्तुत सभी उद्धरण गुजराती भाषा की सुपरिचित साहित्यिक देवांगी भट्ट के उपन्यास ‘अशेष’ से चुने गए हैं। इनका गुजराती से हिंदी में अनुवाद गुजराती की नई पीढ़ी की लेखिका-अनुवादक भाग्यश्री वाघेला ने किया है।

'बेला' की नई पोस्ट्स पाने के लिए हमें सब्सक्राइब कीजिए

Incorrect email address

कृपया अधिसूचना से संबंधित जानकारी की जाँच करें

आपके सब्सक्राइब के लिए धन्यवाद

हम आपसे शीघ्र ही जुड़ेंगे

30 दिसम्बर 2024

वर्ष 2025 की ‘इसक’-सूची

30 दिसम्बर 2024

वर्ष 2025 की ‘इसक’-सूची

ज्ञानरंजन ने अपने एक वक्तव्य में कहा है : ‘‘सूची कोई भी बनाए, कभी भी बनाए; सूचियाँ हमेशा ख़ारिज की जाती रहेंगी, वे विश्वसनीयता पैदा नहीं कर सकतीं—क्योंकि हर संपादक, आलोचक के जेब में एक सूची है।’’

16 दिसम्बर 2024

बेहतर गद्य लिखने के 30 ज़रूरी और जानदार नुस्ख़े

16 दिसम्बर 2024

बेहतर गद्य लिखने के 30 ज़रूरी और जानदार नुस्ख़े

• जल्दी-जल्दी में लिखी गईं गोपनीय नोटबुक्स और तीव्र भावनाओं में टाइप किए गए पन्ने, जो ख़ुद की ख़ुशी के लिए हों। • हर चीज़ के लिए समर्पित रहो, हृदय खोलो, ध्यान देकर सुनो। • कोशिश करो कि कभी अपने

25 दिसम्बर 2024

नए लेखकों के लिए 30 ज़रूरी सुझाव

25 दिसम्बर 2024

नए लेखकों के लिए 30 ज़रूरी सुझाव

पहला सुझाव तो यह कि जीवन चलाने भर का रोज़गार खोजिए। आर्थिक असुविधा आपको हर दिन मारती रहेगी। धन के अभाव में आप दार्शनिक बन जाएँगे लेखक नहीं।  दूसरा सुझाव कि अपने लेखक समाज में स्वीकृति का मोह छोड़

10 दिसम्बर 2024

रूढ़ियों में झुलसती मजबूर स्त्रियाँ

10 दिसम्बर 2024

रूढ़ियों में झुलसती मजबूर स्त्रियाँ

पश्चिमी राजस्थान का नाम सुनते ही लोगों के ज़ेहन में बग़ैर पानी रहने वाले लोगों के जीवन का बिंब बनता होगा, लेकिन पानी केवल एक समस्या नहीं है; उसके अलावा भी समस्याएँ हैं, जो पानी के चलते हाशिए पर धकेल

12 दिसम्बर 2024

नल-दमयंती कथा : परिचय, प्रेम और पहचान

12 दिसम्बर 2024

नल-दमयंती कथा : परिचय, प्रेम और पहचान

“...और दमयंती ने राजा नल को परछाईं से पहचान लिया!” स्वयंवर से पूर्व दमयंती ने नल को देखा नहीं था, और स्वयंवर में भी जब देखा तो कई नल एक साथ दिखे। इनके बीच से असली नल को पहचान लेना संभव नहीं था। 

बेला लेटेस्ट