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सर्दी पर उद्धरण

छह ऋतुओं में से एक शिशिर

शीत ऋतु है; जब घना कोहरा छाने लगता है, दिशाएँ धवल-उज्ज्वल हो जाती हैं और भारी ओस से प्रकृति भीग जाती है। मान्यता है कि शिशिर में सूर्य अमृत-किरणों की वर्षा करता है। प्रस्तुत चयन में शिशिर को विषय बनाती कविताओं का संकलन किया गया है।

जो किसान मूसलाधार बरसात में काम करता है, कीचड़ में खेती करता है, मरखने बैलों से काम लेता है और सर्दी-गर्मी सहता है, उसे डर किसका?

सरदार वल्लभ भाई पटेल

मुक्त वायु में सुप्त शिशिर अपने सस्मित अधरों पर वसंत का स्वप्न देखता है।

सैम्युअल टेलर कॉलरिज

यदि शीत ऋतु गयी है, तो क्या वसंत ऋतु अधिक दूर हो सकती है?

शंकर शैलेंद्र

शरद ऋतु की पहली ठंडी रातों की शांति जैसी कोई शांति नहीं है।

कार्सन मैक्कुलर्स

कमल सूर्य की गर्मी से नहीं, हिम से जल जाता है।

श्रीहर्ष