मुलाक़ातें रहती हैं समय में
मृत्यु से भी ज़्यादा देर तक।
आत्मा और शरीर के सदृश
मुझमें और उस नायिका में अंतरंगता है
जितनी बार मिलता हूँ तुमसे
उतनी बार अकेला हो जाता हूँ।
मुलाक़ातें रहती हैं समय में
मृत्यु से भी ज़्यादा देर तक।
आत्मा और शरीर के सदृश
मुझमें और उस नायिका में अंतरंगता है
जितनी बार मिलता हूँ तुमसे
उतनी बार अकेला हो जाता हूँ।